Answer for यूपीएस और कम्युनीकेशन किसे कहते है

वर्तमान समय में पर्सनल कमप्यूटरों के साथ जो यूपीएस प्रयोग किये जाते हैं उनमें कम्प्यूटर से कम्प्युनीकेशन की एक पोर्ट होती है। इस पोर्ट से कम्प्यूटर को जोड़ने यह पता चलता रहता है कि अभी यूपीएस में कितनी देर का बैकअप बाकी है। इसके लिये यूपीएस को कम्प्यूटर की सीरियल पोर्ट से कनेक्ट करते हैं। इसके अलावा ईथरनेट, नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल और GSM/GPRS तथा USB का भी प्रयोग किया जाता है।
कम्प्यूटर में इंस्टॉल ऑपरेटिंग सिस्टम में भी एक यूटीलिटी होती है जो यूपीएस के जुड़ाव को पहचानने के बाद नोटीफिकेशन एरिया में इसकी जानकारी प्रदान करती है कि अभी कितने प्रतिशत बैटरी बैकअप शेष है। कुछ यूपीएस बनाने वाले निर्माता अपना खुद का कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल भी पब्लिश करते हैं इनमें APC प्रमुख हैं। इस प्रोटोकॉल की वजह से ऑपरेटिंग सिस्टम यूपीएस के बैकअप ड्यूरेशन की रिपोर्ट तैयार करते हैं और नोटीफिकेशन जारी करते हैं।
कम्प्यूटर और यूपीएस के कम्युनिकेशन में जिस कंट्रोल मैथड को प्रयोग किया जाता है उसमें वन-टु-वन सिगनलिंग को एक सिंगल सोर्स के जरिये सिंगल टारगेट के लिये होता है। उदाहरण के लिये यदि एक यूपीएस से एक ही कम्प्यूटर कनेक्ट है तो यह यूपीएस के स्टेटस की सूचनाओं को डिस्प्ले करेगा। ऐसे में यूपीएस का कंट्रोल कम्प्यूटर के हाथों में चला जाता है। इस कार्य में ज्यादातर USB पोर्ट और सीरियल पोर्ट का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान समय में सीरियल पोर्ट जिसे COM1 के नाम से जाना जाता है का चलन कम होता जा रहा है और इसकी. जगह USB पोर्ट का प्रयोग बढ़ रहा है।
यदि एक यूपीएस के अनेक कम्प्यूटरों को जोड़ा गया है तो इस अवस्था में USB पोर्ट के बजाय ईथरनेट पोर्ट को प्रयोग किया जाता है। इसमें TCP/IP तकनीक का प्रयोग होता है।

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