Answer for यूपीएस की क्या तकनीक होती है

माडर्न यूपीएस सिस्टम तीन तरह की कैटागरी में विभाजित होता है। ये वर्ग हैं
1. ऑन लाइन यूपीएस।
2. ऑफ लाइन यूपीएस।
3. स्टैंडवाइ यूपीएस।
⇨ ऑन-लाइन यूपीएस
ऑन लाइन यूपीएस में डबल कनवर्जन मैथड का प्रयोग होता है और इसी मैथड का प्रयोग करते हुए यह AC इनपुट करते हुए DC करेंट को रेक्टीफाइ करके उसे रिचार्जेबल बैटरियों तक पहुंचाता है।
इसके बाद यही करेंट 120V/230V में परिवर्तित होकर वापस आता है और हमें कुछ समय के लिये विद्युत आपूर्ति का बैकअप प्राप्त होता है।
इस तकनीक में बैटरियां हमेशा ही इंवर्टर से कनेक्ट रहती हैं इसलिये इसमें किसी भी तरह के पॉवर ट्रांसफर स्विचों की जरूरत नहीं होती है।
इसमें जैसे ही पॉवर जाती है वैसे ही रैक्टीफायर सर्किट को ड्रॉप आउट करके बैटरी पर चले जाते हैं और हमें स्मूथ, क्लीन और बिना एरिवर्तित विद्युत आपूर्ति होती रहती है।
जब पॉवर वापस आ जाती है तो रैक्टीफॉयर अपना काम करना शुरू कर देते हैं तथा सिस्टम बैटरियों को चार्ज करना शुरू कर देता है तथा लोड मेन लाइन पर आ जाता है।
इस तरह के यूपीएस को प्रयोग करने का मुख्य लाभ यह है कि इनकमिंग करेंट और संवेदनशीट उपकरणों के मध्य एक फॉयरवाल का काम करता है, जिससे उपकरणों में विद्युत आपूर्ति को लेकर कोई खराबी नहीं आती है।
इस तकनीक का प्रयोग 10kW से ज्यादा पॉवर के यूपीएस में सबसे बेहतर रहता है। वैसे आजकल कुछ कम्पनियां 500 W की क्षमता वाले यूपीएस में इस तकनीक का प्रयोग करने लगे हैं। ये UPS दूसरों की तुलना में ज्यादा महंगे होते हैं।

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