Answer for राष्ट्र के औद्योगिक विकास में ट्रेड की क्या भूमिका है ?

Role of Trade in Industrial Development of the Nation विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था से स्पष्ट है कि वर्तमान समय में दुनिया के वे ही देश अग्रणी हैं, जिन्होंने सर्वप्रथम औद्योगिक क्षमता अर्जित की। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् हमारे देश ने इस दिशा में पूरा ध्यान दिया तथा अभूतपूर्व सफलता अर्जित की। आज हमारा देश न केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है वरन् ब्रिटेन, अमेरिका तथा जापान जैसे विकसित देशों को दक्ष मानव-श्रम और विभिन्न वस्तुओं का निर्यात भी कर रहा है। अतः स्पष्ट है कि किसी राष्ट्र के विकास में औद्योगिक विकास का अति महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।

टेड के आलोक में दक्षता-स्तर Efficiency-level in Lieu of Trade
किसी भी क्षेत्र में विषयों की योजना निश्चित उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की जाती है। उद्देश्य-पूर्ति की यह जटिल परन्तु मानव-श्रम दक्षता के लिए सरल प्रक्रिया है। विषयगत पाठ्य-वस्तु का अध्ययन मानव-श्रम में रुचि जाग्रत करने के साथ-साथ कौशल का विस्तार भी करना है। यदि मानव-श्रम पढ़कर सीखने का अनुसरण करने लगता है, तो उसे अपना ध्येय सरलता से पूरा होता प्रतीत होता है। कार्यशाला के विविध चरणों को समझना और विविध उपकरणों-औजारों की सहायता से प्रक्रिया को समझना ही मानव-श्रम का उत्साहवर्द्धन कर देता है तथा धीरे-धीरे और के साथ उसके दक्षता-स्तर में वृद्धि होती जाती है। सामान्यतया पाठ्यक्रम में विषयों के समावेश का अनन्तिम उददेश्य भी यही होता है।

मैकेनिक ट्रैक्टर का भविष्य Future of a Mechanic Tractor
भारत एक विकासशील देश है और यहाँ पर एक कुशल मैकेनिक ट्रैक्टर के लिए विविध प्रकृति के अनेक अवसर हैं। यहाँ वह सेवा क्षेत्र के साथ-साथ स्वरोजगार की व्यवस्था भी कर सकता है, जहाँ सेवा क्षेत्र में शासकीय और निजी क्षेत्र का व्यापक प्रसार है वहीं स्वरोजगार के माध्यम से भी वह अपने रोजगार को जितना चाहे विस्तार दे सकता है। अत: संक्षेप में कहा जा सकता है कि हमारे देश, जोकि एक विकासशील अर्थव्यवस्था है, में एक कुशल ट्रैक्टर मैकेनिक के लिए भरपूर अवसर हैं। तकनीशियन अपेक्षित योग्यता अर्जित कर अपनी रुचि विशेष के अनुसार विविध प्रकृति के कार्यों का चयन कर सकता है। इसमें सब कुछ व्यक्ति की सृजन क्षमता पर निर्भर करता है।

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