Answer for रेशे का परीक्षण कैसे करे

आज के सम्य समाज में वस्त्र की इतनी अधिक रेलमपेल है कि एक साधारण व्यक्ति के लिए यह निश्चित करना अत्यन्त कठिन हो गया है कि कौन सा वस्त्र खरीदा जाए। अनेकों प्रकार के रेशे तैयार होते हैं और उनसे अनेकों प्रकार के वस्त्र बनते हैं। कई रेशों में दूसरे कोई भी रेशे मिलाकर भी वस्त्र की परिसज्जा को बढ़ा दिया जाता है। कई असली व नकली रेशों के वस्त्र भी एक जैसे लगते हैं किन्तु उनकी गुणवत्ता में अन्तर होता है। सभी की तैयार करने की विधियाँ भी तो अलग-अलग हैं। पहने जाने वाले वस्त्र कैसे हों, खाने की मेज के कैसे हों तथा पर्दे, सोफा आदि के कैसे वस्त्र खरीदें जाएँ, यह निर्णय एक गृहणी या गृहस्वामी को ही लेना पड़ता है और इस निर्णय को लेने के लिए उपभोक्ता को रेशों की पहचान आवश्यक है। रेशों की पहचान करने के लिए कुछ परीक्षण निश्चित किए गए है जिनमें से कुछ तो तुरन्त करके देखे जा सकते हैं और कुछ में लम्बी प्रक्रिया शामिल है। जिसको करके देखने के लिए उनसे सम्बन्धित कुछ रसायन तथा उपकरणों की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे कुछ परीक्षण केवल लैब में ही हो सकते हैं। विदेशों में तो कुछ बड़ी-बड़ी शॉप्स के साथ लैब की सुविधा होती है और वहाँ जो चाहे जाकर अपने हिसाब से टेस्ट करवा सकता है, किन्तु भारत में यह सुविधा नहीं है। लेकिन ऐसे हालातों के लिए ही कुछ ऐसी टैस्टिंग की सुविधाएँ हैं जो बिना लैब के भी हो सकती हैं।
1. कपड़े को देखकर परखना (Visual Inspection of Cloth) 2. कपड़े को छूकर परखना (Inspection of Cloth by Touching)
3. कपड़े का धागा निकाल कर तोड़ना (Breaking the Fibre of the Cloth)
4. कपड़े फाड़ कर चैक करना (Testing by tearing of cloth)
5. सूक्ष्मदर्शी परीक्षण (Microscopic test of cloth)
6. रासायनिक परीक्षण (Chemical test of cloth)
7. जला कर परीक्षण (Burng test of cloth)
8. स्याही द्वारा परीक्षण (Ink test of Fabrics)
9. तेल द्वारा परीक्षण (Oil test of Fabrics)
10. नमी द्वारा परीक्षण (Moisture test of Fabrics)
उपलिखित परीक्षणों में प्रथम चार तो ऐसे परीक्षण हैं जो तुरन्त मार्किट में भी हो सकते हैं। जिनकी जानकारी हर एक को होनी चाहिए ताकि वस्त्र खरीदने में धोखा न होने पाए। क्योंकि कपड़े खरीदने से पहले उसको चैक किया जा सकता है।

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