Answer for लिनन की खेती कैसे की जाती है

वस्त्र बनाने के उद्देश्य से जो खेती की जाती है उसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि पौधे में शाखाएं न फूटें। जहां शाखाएं फूट जाती हैं उस स्थान के बाद रेशा बेकार हो जाता है। क्योंकि रेशे की लम्बाई कम हो जाती है। अतः तना सीधा ऊपर को जाता है और अन्त में नुकीला हो जाता है। उन पौधों के नुकीले सिरे की सुरक्षा की जाती है। इसमें दो रंग के फूल खिलते हैं। नीले रंग के फूलों वाले पौधे से उत्तम क्वालिटी के रेशे प्राप्त होते है और सफेद रंग के फूलों वाले से निम्न किस्म का रेशा प्राप्त होता है। किन्तु निम्न श्रेणी रहते हुए भी मज़बूती बहुत अधिक रहती है। इन पौधों के लिए अच्छी भुरभुरी मिट्टी और साफ पानी की आवश्यकता होती है। एक फसल लेने के कुछ वर्षों के उपरान्त ही दूसरी फसल उस मिट्टी पर उपजाई जाती है। फ्लैक्स के पौधों की बुवाई अप्रैल-मई में होती है। 3 माह में यह पौधा पूरा पेड़ बन जाता है और अगस्त माह में इसको जड़ सहित उखाड़ लिया जाता है। उखाड़ते समय पौधे को इस प्रकार पकड़ते हैं कि पौधा बीच में से न टूट जाए, क्योंकि टूट जाने से उसका रस (sap) बह जाता है जिसके कारण रसहीन पौधों से भद्दे व रूखे रेशे का निर्माण होता है। उखाड़ने के बाद उनके बंडल बांध कर रख देते हैं।

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