Answer for लैन के प्रयोग किया जाने वाला हार्डवेयर कौन सा है

जब दो या दो से ज्यादा कम्प्यूटरों को केबल के जरिए जोड़ दिया जाता है जिससे उनके बीच आंकड़ों की लेन-देन हो सके तो समझिए नेटवर्क तैयार हो गया। इस साधारण से लेकर अति आधुनिक तक जटिल नेटवर्क आज प्रचलन में है। इन नेटवर्कों को लगाने के उत्पाद बाजार में हैं।
– आज बाजार में नेटवर्किंग के उपलब्ध हार्डवेयर में परंपरागत हब से लेकर जटिल नेटवर्कों में इस्तेमाल हो रहे स्विच, अलगअलग लैन यानी स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क व वैन यानी व्यापक क्षेत्र नेटवर्क अनुप्रयोगों के रुटर छोटे व मझौले लैन अनुप्रयोगों के लिए टी-1, टी-3, टी-4, दर्जे के सर्वर तक पहुंच बनाने वाले रिमोट वाहक आदि शामिल हैं।
शुरुआती दर्जे के हब और स्विच तो बहुतेरी कंपनियों के बाजार में हैं, लेकिन ऊंचे दर्जे के स्विच के बाजार पर बे नेटवर्क्स, 3 कॉम और सिस्को जैसी कंपनियों का ही कब्जा है।
– बहरहाल, आपको कैसे नेटवर्क चाहिए, यह आपकी अपनी जरूरत से ही तय होगा। उदाहरण केलिये, मान लें आपके दफ्तर में पांच ही कर्मचारी हैं, तो जटिल ढंग का नेटवर्क लगाने का कोई फायदा नहीं है। वैसी स्थिति में आपको लैन की जरूरत होगी। इसमें ध्यान यह रखना होगा कि नेटवर्क में सरलता रहे। यानी इसे पेचीदा न बनाया जाए।
नेटवर्क बनाते समय दूसरी बात यह ध्यान में रखने की है कि आप कौन से ऑपरेटिंग सिस्टम वाला पीसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। विंडोज़ के साथ पीसी और मैकिंटोश दोनों तरह के कम्प्यूटरों का नेटवर्क तैयार किया जा सकता है। नेटवर्क लगने पर उससे जुड़ा हर कम्प्यूटर मौजूद संसाधनों (हार्ड ड्राइव, प्रिंटरों, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आदि) का साझा इस्तेमाल कर सकता है।
– पांच या इससे कम पीसी वाले दफ्तरों के लिए व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क वाला नेटवर्क लगा लेना ठीक होता है। लेकिन अगर यह संभावना है कि आपका कारोबार इतना बढ़ सकता है कि उसमें मुट्ठी भर कर्मचारी ही नहीं रह जाएंगे तो प्वाइंट सर्वर नेटवर्किंग प्रणाली को लगा लेना ठीक होगा।
– लैन किसी एक दफ्तर में लगाया जा सकता है, ऐसे दफ्तर में भी जो कई मंजिलों, या यहां तक कि कई इमारतों में भी फैला हो। लैन आम तौर पर दस लोगों को जुड़ कर काम करने की सुविधा देता है, हालांकि ऐसे भी लैन के उदाहरण हैं जिनसे सैकड़ों यूज़र हैं।
– लैन की क्षमता इस पर निर्भर करती है कि नेटवर्क का कितना विस्तार हो सकता है और कितनी आसानी से इसे अपग्रेड किया जा सकता है।
नेटवर्क का विस्तार हो सकने की संभावना केबल डालने के डिजायन और इस्तेमाल हो रहे लैन हार्डवेयर व सॉफ्टवेयरों की विशेषताओं पर निर्भर करती है। लैन के सिस्टम सॉफ्टवेयर में संचारण खामियों को पकड़ने, उनसे बचाव करने और उन्हें सुधारने का गुण शामिल होता है।
– कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़कर डेटा का आदान-प्रदान कर सकें इसके लिए लैन में एक खास सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है। संचार प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए लैन से जुड़े कम्प्यूटरों में एक नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम डालना पड़ता है।
– लैन के लिए जिन हार्डवेयर की जरूरत पड़ती है उनमें खास नेटवर्क कार्ड लगे पीसी, प्रिंटर, मॉडेम आदि शामिल हैं। लैन दो तरह का होता है- एक ढांचा ऐसा होता है जिसमें यूज़र एक-दूसरे से व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क कायम करते हैं। इसे व्यक्ति से व्यक्ति ढांचा कहते हैं। यह ढांचा छोटे कारोबारियों के लिए ठीक है, जहां यूज़र कम हों।
– लैन नेटवर्क के लिए सर्वर, हब, नेटवर्क इंटरफेस कार्ड आदि जैसे उपकरणों की जरूरत होती है। आजकल डेटा स्विचों का इस्तेमाल भी काफी बढ़ गया है। डेटा स्विच एक ऐसा उपकरण होता है जो टर्मिनलों, कम्प्यूटरों आदि को मुख्य कम्प्यूटर से जोड़ता है।

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