Answer for वस्त्रों की परिसज्जा किस प्रकार की जाती है

लिनन पर ब्लीच करने के लिए उसे घास पर फैलाया जाता है, क्योंकि परिष्कृति व परिसज्जा लाने के लिए उसे रंगना व ब्लीच भी करना जरूरी होता है। यदि बिना रंगी लिनन से काम चल जाए तो रंगीन नहीं लेना चाहिए। रंगीन व ब्लीच किया लिनन कमजोर हो जाता है। यदि लिनन की सतह रोएं वाली मिलती है तो समझ लें कि यह छोटे-छोटे निर्बल रेशों से बना है। कभी-कभी क्रीस भी नहीं आती है, ऐसा तब होता है जब लिनन बनाने के लिए छोटे-छोटे रेशों का प्रयोग किया जाता है। किन्तु यह अच्छे रेशों वाला, बढ़िया क्वालिटी वाला नहीं होता। लिनन पर रंग इसलिए भी नहीं चढ़ता है कि उसके रेशे कड़े तथा अभेद्य होते हैं। उनमें रंग जा नहीं पाता है। रंग अन्दर pores तक पहुँचाने के लिए रसायनों का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण वस्त्र कमजोर हो जाते हैं। अतः पूरी जानकारी प्राप्त करके ही लिनन खरीदना चाहिए।

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