Answer for वस्त्रों पर दाग-धब्बों कितने प्रकार के होते है

1. चिकनाई से युक्त धब्बे : घी, मक्खन, तेल आदि की चिकनाई रसोई मे काम करते समय लग जाती है। इसमें यह ध्यान रखना होता है कि चिकनाई को ब्लॉटिंग पेपर की सहायता से सोखकर उसके बाद रसायन का प्रयोग करें।
2. पशु संबंधी धब्बे : अंडा, दूध, मांस, रक्त आदि के धब्बे इस वर्ग में आते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। अतः इनको छुड़ाने के लिए सदा ठंडे जल का ही प्रयोग करना चाहिए।
3. वनस्पति धब्बे : इस वर्ग में चाय, कॉफी, कोको, फल, शहद, चाकलेट आदि वस्तुओं के धब्बे आते हैं। इनमें अम्लीय (acidic) रूप होता है तथा इनको छुड़ाने के लिए क्षारीय तत्वों का अर्थात् खार युक्त तत्वों का प्रयोग करते हैं।
4. घास के धब्बे : घास में एक खार पदार्थ होता है। उसी के कारण वे वनास्पतिक वर्ग में शामिल नहीं हैं। इनको हटाने के लिए हाइड्रोजन पैरोक्साइड का प्रयोग करते हैं।
5. खनिज वस्तुओं के धब्बे : जंग (rust), दवाइयाँ स्याही आदिखनिज, धब्बा वर्ग में ही आते हैं। इनमें धातु, रंग एवं रसायन तीनों का या दो का मिश्रण तो अवश्य होता है। अतः इन धब्बों की पहचान के बाद धातु का प्रभाव हटाने की क्रिया तथा फिर उसके रंग को सोखना या उड़ाने की प्रतिक्रिया करनी पड़ती है।
6. रंग, रोगन व पेंट आदि के धब्बे : इस वर्ग के धब्बों में क्षारीय एवं अम्लीय कुछ भी हो सकता है। अर्थात् खार या acidic गुण भी हो सकते हैं। अतः धब्बे को प्रकृति के अनुरूप ही धब्बा छुड़ाने के लिए रसायन का चुनाव किया जाता है।
7. जलने या झुलसने के धब्बे : ऐसे धब्बे प्रायः गर्म तवे के द्वारा, गर्म प्रैस के द्वारा कपड़ों पर आ जाते हैं। आग की लपटों से भी कपड़ों पर कई बार भूरे-भूरे ब्राउन रंग के दाग लग जाते हैं। इन दागों के लिए हाइड्रोजन पैरोक्साइड एवं अमोनिया का प्रयोग किया जाता है।
8. पसीने के धब्बे : यह धब्बे साधारण होते हैं और साबुन के घोल व पानी से छूट जाते हैं। गहरे होने की स्थिति में अमोनिया के मिश्रण को भी प्रयुक्त किया जाता है।

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