Answer for वस्त्रों में रंगाई एवं छपाई का क्या महत्त्व होता है

जीवन में रंगों का महत्व है। रंग प्रत्येक के मन व प्राण हैं। फिर रंग चाहे जीवन में हों, चाहे वातावरण में हों, चाहे वस्त्रों में, चहुँ ओर रंग ही रंग नज़र आते हैं। मनुष्य तो क्या पशु पक्षी तथा जीव जन्तु भी रंगों से प्रभावित होते हैं। आज का मनुष्य प्राचीन पद्धतियों को अपनाता हुआ और उनमें सुधार करता हुआ आगे बढ़ रहा है। वस्त्रों को रंगने की पद्धति प्राचीन काल से ही है। तब वनस्पतियों से, फूल पत्तों से रंग लेकर, बना कर वस्त्रों को रंगा जाता था। आज भी उस तरीके को और परिष्कृत बना कर वनस्पतियों से रंग लेकर तथा रासायनिक मिश्रण बना कर रंग तैयार करके वस्त्रों को कई-कई रंगों के घोल का स्पर्श करा कर वस्त्रों को एक नया लुक (look) देने की प्रथा चल रही है। किन्तु रंगाई की प्रक्रिया से पूर्व रंगों के अर्थ एवं प्रकारों को जानना भी हर विद्यार्थी के लिए आवश्यक है।

रंग एवं वर्णक
विभिन्न प्रकार के रंगों का प्रयोग हर प्रकार के वस्त्रों में नहीं किया जा सकता है। रेशों की गुणवत्ता और किस रंग का प्रयोग किन वस्त्रों पर किया जाना चाहिए, इनकी जानकारी दोनों के गुण दोष जानकर ही प्रयोग किया जाना चाहिए। रंग चाहे किसी भी प्रकार से बनाए गए हों वे सब ही घुलनशील होते हैं। घोल में बने हुए रंग में वस्त्रों को डुबाना, तन्तुओं द्वारा तुरंत रंग को सोख लेना माना जाता है। साथ ही कुछ वस्त्रों पर रंग चढ़ाने के लिए उन पर रासायनिक क्रियाओं को कराने की भी आवश्यकता होती है।

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