Answer for वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क (WLANS) क्या होता है

यह टेक्नालॉजी प्रयोगकर्ताओं को एक लोकल एरिया के अंतर्गत वायरलेस कनेक्शन स्थापित कराने की सुविधा उपलब्ध कराती है। उदाहरण के तौर पर किसी कॉरपोरेट कैम्पस की बिल्डिंग या एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसा पब्लिक प्लेस। यह तकनीक उन ऑफिसों में बहुत कारगर साबित हो रही है जहां पर किसी तरह की तार या केबल बिछाने पर मनाही है। एक ही बिल्डिंग में अलगअलग स्थानों पर बैठे लोग आपस में जुड़कर कार्य करते हैं।

वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क की यह प्रणाली दो अलग अलग तरीकों से संचालित होती है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में वायरलेस स्टेशन जिसमें कि रेडियो नेटवर्क कॉर्ड और बाहरी मॉडेम प्रयोग होते हैं।

– वायरलेस एक्सेस प्वाइंट को आपस में जोड़कर ब्रिज़ की तरह कार्य करती है। दूसरे तरीके में पीर-टू-पीर जिसे ad hoc भी कहते हैं का प्रयोग किया जाता है। लेकिन यह बहुत ही सीमित एरिया में प्रभावी होता है जैसेकि कोई कांन्फ्रेंस रूम।

– इसमें किसी एक्सेस प्वाइंट का प्रयोग नहीं होता है। लेकिन जरूरत पड़ने पर नेटवर्क के दूसरे रिसोर्सेज़ का प्रयोग करने के लिए एक्सेस प्वाइंट को भी इसके साथ प्रयोग किया जाता है।

– 1997 में IEEE ने इसके लिए 802.11 स्तर को मान्यता दी। जिसकी वजह से इसके अंतर्गत डेटा ट्रांसफर की दर एक मेगाबाइट से लेकर दो मेगाबाइट पर सेकेंड तक होती है। कुछ समय पश्चात इसका नया स्टैंडर्ड 802.11b प्रयोग किया जाने लगा और इसमें डेटा ट्रांसफर की दर 11 मेगाबाइट पर सेकेंड हो गई लेकिन इसके लिए 2.4GHz फ्रिक्वेंसी बैंड की जरूरत होती है।

इसके अतिरिक्त इसमें एक नया स्टैंडर्ड 802.11a भी प्रयोग होने लगा है। जिसके अंतर्गत डेटा ट्रांसफर की दर 54 मेगाबिट प्रति सेकेंड तक हो गई है। लेकिन इसके लिए 5GHz का फ्रिक्वेंसी बैंड होना चाहिए।

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