Answer for वायु सम्पीडक किसे कहते है ?

कुछ आधुनिक ट्रैक्टरों में जिनमें सर्वो ब्रेक का प्रयोग होता है, उनमें अधिकतर वायु सम्पीडक का भी प्रयोग किया जाता है। ब्रेक लगाने के लिए ड्राइवर को मास्टर सिलेण्डर द्वारा केवल एक एयर वाल्व खोलने की शक्ति लगानी होती है। शेष कार्य ट्रैक्टरों में लगा टेण्डम मास्टर सिलेण्डर द्वारा पूरा होता है। इसी के द्वारा पूरा हाइड्रॉलिक दबाव उत्पन्न होता है, जिससे ब्रेक लगते हैं। इस वायु सम्पीडक के द्वारा ट्रैक्टर के किसी भी भाग में पाइप द्वारा हवा पहुँचाई जा सकती है। वर्तमान में वायु सम्पीडक का प्रयोग फर्म ट्रैक्टरों में पी.टी.ओ. शाफ्ट के ऊपर संयोजित करके किया जा रहा है।

सुपरचार्जर Supercharger
इंजनों में वायुमण्डल से अधिक दबाव पर हवा और डीजल का मिश्रण सिलेण्डरों को पहुँचाने के लिए सुपरचार्जर का प्रयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर इनलेट मैनीफोल्ड के मध्य में लगाया जाता है। इनका मुख्य लाभ यह है कि ये शीघ्र व अधिक मात्रा में हवा सिलेण्डर में पहुँचाते हैं, जिससे कि इंजन की कार्यक्षमता बढ़ जाती है। इसमें एक दोष यह है कि हवा व डीजल के मिश्रण के अधिक आने से सम्पीडन अनुपात बढ़ जाता है तथा इससे सिलेण्डर में हवा का दबाव व तापक्रम भी बढ़ जाता है तथा इंजनं नॉकिंग (knocking) करने लगता है। यह एक प्रकार का पम्प है, जो इंजन से चलता है। ये निम्नलिखित प्रकार के होते हैं
1. अपकेन्द्री सुपरचार्जर (Centrifugal Supercharger),
2. रूट-एयर ब्लोअर सुपरचार्जर (Root-air Blower Supercharger),
3. वेन सुपरचार्जर (Vane Supercharger),
4. टर्बोचार्जर (Turbocharger) तथा
5. इण्टर कूलर (Inter Cooler)।

टर्बोचार्जर Turbocharger
अभी तक यह सुपरचार्जर महँगी कारों व बड़े वाहनों में ही प्रयोग किया जाता था, परन्तु अब कुछ ट्रैक्टरों में भी प्रयोग किया जा रहा है। प्रायः अन्य सभी सुपरचार्जर इंजन की शक्ति द्वारा चलाए जाते हैं। इस कारण इंजन की कुछ शक्ति इसमें क्षय होती है। इससे बचने के लिए वर्तमान में एग्जॉस्ट गैसों से चलने वाला सुपरचार्जर प्रचलित हो गया है, इसे टर्बोचार्जर कहते हैं। यह मुख्यतः तीन भागों एयर इन्टेक, एग्जॉस्ट एवं मध्य भाग से मिलकर बना होता है, जिससे इंजन स्टार्ट रहने तक ऑयल सर्कुलेशन चलता रहता है। इसके अतिरिक्त ऑयल सील व शाफ्ट को घुमाने के लिए बुश लगे होते हैं।

इण्टर कूलर Inter Cooler
इण्टर कूलर एक यान्त्रिक युक्ति है, जिसका प्रयोग प्राय: तापन (heating) प्रक्रियाओं में द्रव या गैसों को ठण्डा करने के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का जटिल ऊष्मा विनियामक (heat exchanger) भी होता है, जो गैस सम्पीडक में व्यर्थ ऊष्मा को निष्कासित करता है। ये अधिकांशतया अन्तः दहन इंजनों में आयतनिक दक्षता (volumetric efficiency) सुधारने हेतु उपयोग में लाए जाते हैं।

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