Answer for वीओआईपी से मैसेजिंग कैसे होती है

डिजिटल मैसेजिंग का यह एडवांस रूप है, इसमें आप मैसेज तो भेज ही सकते हैं कम्प्यूटर और मोबाइल फोन का प्रयोग करके आमने सामने बातचीत भी कर सकते हैं। इसके लिये कुछ विशेष प्रकार के एप्लीकेशनों का प्रयोग किया जाता है। इनके स्काइप सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। यह एप्लीकेशन आपको जहां आपको वीडियो कॉलिंग की सुविधा प्रदान करता है वहीं इससे आप इंस्टेंट मैसेंजिंग का काम भी कर सकते हैं। आइये इस तकनीक को गहराई से समझते हैं

– जब आप फिक्स्ड लाइन टेलीफोनी पर किसी को फोन करते हैं तो आपके और उस व्यक्ति के बीच तयशुदा संपर्क बना हो जाता है। कॉल के दौरान दोनों छोरों से बातचीत होती रहती है और इस दौरान बाहर किसी लाइन से संपर्क की कोई गुंजाइश नहीं रहती है।

टेलीफोनिक वार्ता पूरे नेटवर्क पर करीब 64 केबीपीएस की तय गति से होती है। इस तरह दोनों तरफ को मिलाकर पूरी संचारण गति 128 केबीपीएस हो जाती है।

– एक कॉल के दौरान लाइन की पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं होता है, क्योंकि बातचीत बीच-बीच में रुकती भी रहती है और बीच में चुप्पी भी आती रहती है। चूंकि एक पक्ष हमेशा सुनता रहता है, इसलिए पूरी क्षमता का आधा हिस्सा ही एक साथ प्रयोग में रहता है।

इंटरनेट पर चलने वाले डेटा आधारित नेटवर्क इस तरह के तयशुदा सर्किट फेरबदल का प्रयोग नहीं करते। बल्कि वे एक बिल्कुल लचीले माध्यम का उपयोग करते हैं जिसे पैकेट स्विचिंग कहा जाता है।

– जहां सर्किट स्विचिंग में संपर्क लगातार खुला और निरंतर रहता है, वहीं पैकेट स्विचिंग में उतना ही संपर्क ओपन किया जाता है जितना एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर को डेटा पैकेज भेजने के लिए जरूरी हो। .

इंटरनेट के जरिए दो कम्प्यूटरों के बीच डेटा की अदलाबदली का यही तरीका है। मान लीजिए, आप एक लंबा वेब पेज भेज रहे हों। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि साइट कितनी जल्दी लोड होती है। क्योंकि साइट के सभी डेटा एक साथ नहीं भेजे जाते।

इन डेटा पैकटों को छोटे पैकेटों में भेजा जाता है। डेटा के साथ वह पता जोड़ दिया जाता है जहां इन्हे पहुंचना है। यह विधि बहुत कुशल है। इसमें एक कम्प्यूटर एक साथ कई से संपर्क बना सकता है।

– यानी एक साथ वह कई कम्प्यूटरों को डेटा पैकेट भेज सकता है। इससे कम्प्यूटरों के बीच कायम रहने वाले समय में काफी बचत हो जाती है और नेटवर्क ट्रैफिक भी बहुत घट जाता है।

– VOIP में इसी पैकेट स्विचिंग विधि का प्रयोग होता है। अगर नेटवर्क एक अकेले डायलअप कनेक्शन से जोड़ा गया हो, तब भी उस पर एक साथ कई फोन कॉल की गुंजाइश बन जाती है। यानी जहां आम फोन लाइन के जरिए आप एक साथ एक ही कॉल कर सकते हैं, वहीं उसी कॉल से इंटरनेट जोड़ने के बाद आप एक साथ कई कॉल कर सकते हैं।

– VOIP वही लैंग्वेज बोलता और समझता है जो इंटरनेट की भाषा है। हर बोले गए शब्द को इसमें डिजिटल बिट्स में तोड़ दिया जाता है। इन बिट्स को ध्वनि संपीडन के खास फॉर्मले से कम्प्रेस कर छोटे आकार में ढाल दिया जाता है। फिर इन टुकड़ों को भेज दिया जाता है।

– कम्प्रेसन की इस क्रिया के कारण ध्वनि की गुणवत्ता में कुछ फर्क पड़ जाता है, अभी तक मौजूद तकनीक के बीच सस्ते में आईपी तकनीक के जरिए सुदूर देशों तक बातचीत करने के बदले राह कीमत आपको चुकानी पड़ती है।

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