Answer for शीतलन प्रणाली के कितने प्रकार होते है ?

ट्रैक्टर के इंजन को ठण्डा करने अथवा सामान्य तापक्रम पर रखने के लिए मुख्यतया दो प्रकार की शीतलन प्रणालियाँ (cooling systems) प्रयोग की जाती हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है।

वाय शीतलन प्रणाली Air Cooling System
इसमें इंजन को सामान्य तापक्रम तक ठण्डा करने के लिए वायु का उपयोग किया जाता है। इसमें रख-रखाव (maintenance) की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रणाली द्वारा ठण्डे होने वाले इंजनों के सिलेण्डर के चारों ओर अनेक टेपर व पतले पंख (fins) बनाए जाते हैं। इन पंखों के कारण सिलेण्डर के चारों ओर जमा होने वाली वायु का क्षेत्रफल (area) बढ़ जाता है। ये पंख किनारे से लगभग नुकीले से होते हैं, इस कारण मोटे स्थान से सिलेण्डर की गर्मी इनकी नोक की ओर दौड़ती है। ये भाग पतले होने के कारण हवा के सम्पर्क से शीघ्र ठण्डे होते रहते हैं। इस प्रकार सिलेण्डर की गर्मी चारों ओर फैलकर लगभग समाप्त होती रहती है, परन्तु इन इंजनों में मल्टीसिलेण्डर एक ब्लॉक के रूप में नहीं बनाए जा सकते हैं। कुछ इंजनों में हवा के लिए पंखे का भी ब्लोअर के रूम में प्रयोग किया जाता है। वायु शीतलन प्रणाली की कार्यकुशलता इंजन में प्रयुक्त पंखों (fins) की सतह के क्षेत्रफल, हवा की मात्रा, वेग तथा ठण्डा होने वाले तापमान पर निर्भर करती है।

प्रकार Types
वायु शीतलन प्रणाली निम्न प्रकार की होती है .. कूलिंग फिन्स प्रणाली Cooling Fins System इस प्रणाली में ट्रैक्टर के वायु शीतलन में विविध प्रकार की फिन्स (fins) का प्रयोग किया जाता है। ये फिन्स सिलेण्डर तथा सिलेण्डर हैड या सिलेण्डर ब्लॉक के साथ अलग से (separately) स्थापित की जाती हैं। इन विविध प्रकार की फिन्स में ऊष्मा छितराने (dissipate) की क्षमता इनकी अनुप्रस्थ काट (cross section) तथा लम्बाई पर निर्भर करती है। फिन्स के रूट (root) से टिप (tip) तक के तापमान घटने के कारण फिन सतह से ऊष्मा क्रमिक (gradual) रूप से छितराने लगती है तथा टिप के समीप वाली फिन्स से ऊष्मा के छितराने की दर कम प्रभावी (less effective) हो जाती है। प्राय: फिन्स (fins) 0.5 mm से 1.25 mm तक की मोटाई में निर्मित की जाती हैं। इनकी लम्बाई सिलेण्डर बोर के व्यास के-से – भाग तथा एक फिन दूसरी फिन्स के मध्य अन्तर लम्बाई के-से3 4 1 से – भाग के बराबर होती है। इनसे वायु शीतलन के लिए बाहरी सतह का क्षेत्रफल बढ़ाने में सहायता मिलती है।

बैफल्स प्रणाली Baffles System
इस प्रणाली की सहायता से वाहनों के वायु शीतलन में विविध प्रकार के बैफल्स (baffles) का प्रयोग किया जाता है। यह प्रायः वाहनों में सिलेण्डर दीवारों (cylinder walls) से ऊष्मा स्थानान्तरण की दर बढ़ा देते हैं, जिससे शीतलन का प्रभाव आसानी से बढ़ जाता है। ऊपर चित्र ‘a’ में दर्शित बैफल द्वारा उच्च दाब पात (high pressure drop) होता है, जिसके द्वारा प्रवेश तथा निकासी के मध्य की गतिज ऊर्जा (kinetic energy) हानि न के बराबर होती है। चित्र ‘b’ द्वारा सामान्य बैफल को दर्शाया गया है। इन्हें प्रायः पेट्रोल इंजन की वायु शीतलन प्रणाली में प्रयुक्त किया जाता है। चित्र ‘c’ में दर्शाये गए बैफल की व्यवस्था प्रणाली में गतिज ऊर्जा हानि को कम करने के लिए किया जाता है। चित्र ‘d’ में दर्शायी गई बैफल्स को डीजल इंजन की वायु शीतलन प्रणाली में प्रयोग किया जाता है।

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