Answer for शीर्ष बद्धहस्तासन कैसे करें

शीर्ष बद्धहस्तासन कैसे करें
पेट के बल लेट जाओ। अब दोनों पैर उठाकर, कोशिश करके सिर के पीछे ले जाकर जमीन पर टिकाओ और हाथ सिर पर बांधे रखो। इससे गर्दन, पीठ और पेट के सारे विकार नष्ट हो जाते हैं। यह आसन उम्र को बढ़ाने वाला है। इसको प्रत्येक वर्ग के लोग कर सकते हैं।

द्विपादाशिरासन कैसे करे
दोनों पैर सामने की तरफ फैला कर बैठ जाओ। पैर एकदम सीधे रखो। अब बायें पैर को मोड़कर एक हाथ से घुटने की तरफ दूसरे पैर के पंजे को संभालो। अब धीरे-धीरे पैर को दायें कन्धे पर टिका दो या हाथ का सहारा देकर टिकाएं। आपका शरीर नितम्बों के कुछ थोड़े से आधार पर टिका रहना चाहिए। शरीर को संतुलित रखो। दोनों हाथों को जांघों से दबाते हुए प्रणाम की मुद्रा में आ जाओ। इस आसन से पेट पिचक जाता है। फालतू चर्बी की छांटी हो जाती है। भोजन को पचाने वाले अंग मज़बूत होते हैं। पेट की चर्बी कम हो जाने से शरीर सुडौल और फुर्तीला बनता है। कन्धे, गर्दन और पैरों में खून का दौरा तेज़ होता है, जिस कारण इनके जोड़ पुष्ट हो जाते हैं। .

शीर्षस्पष्ट पदमासन कैसे करे
उपयुक्त स्थिति में पदमासन लगाकर और फिर घुटने ऊपर लाकर तथा मोड़कर सिर पर रखो। यह बहुत कठिन आसन है। इससे गले और छाती के घातक रोग दूर होते हैं। कमर दोष-रहित होती है और आयु में वृद्धि होती है।

प्रश्रितहस्त बृश्चिकासन कैसे करे
ज़मीन पर चित्त लेट कर दोनों पैर ऊपर लाकर और मोड़कर सिर तक पहुंचाओ। इस कठिन आसन के लाभ भी अनेक हैं। इससे गले, छाती और कमर के सारे रोग दूर होते हैं। यह तंदुरुस्ती बढ़ाने वाला योगासन है।

बलितपाद सर्वांगासन कैसे करे
इस आसन में सम्पूर्ण शरीर पीछे से गर्दन तक ऊपर उठाया जाता है। पीठ को दोनों हाथों का सहारा देकर पैरों को घुमाओ। इससे गर्दन, छाती, कमर, पेट और दिल बलवान होता है। यह अच्छी सेहत देने वाला है।

विपरीतकरनी मुद्रासन कैसे करे
पीठ के भार सीधे लेट जाओ। अब धड़ को और पैर ऊपर उठाकर ज़मीन पर समकोण बनाओ। फिर ज़मीन पर कोहनी टिका कर नितम्बों को हथेलियों का सहारा दो। पैर बिल्कुल सीध में रखकर 45 डिग्री का कोण बनाओ। इस आसन से बाल शीघ्र सफेद नहीं होते, चेहरे पर तेज़ आता है। यह बुढापे को दूर करने वाला सबसे बढ़िया आसन है। इसका अभ्यास करने वाला बूढ़ा दिखाई नहीं देता। यह स्नायु दुर्बलता को भी दूर करता है।

विवृतात्रिकासन कैसे करे
दोनों पैरों के मध्य एक हाथ का फासला रखकर खड़े रहो और कोहनियों से मुड़े हुए दोनों हाथ कमर की दोनों तरफ से एक हाथ आगे-पीछे घुमाओ। इससे कमर और पेट की तकलीफ दूर होती है।

प्रसिवहस्त विवृतात्रिकासन कैसे करे
पिछले आसन के अनुसार स्थिति में पहुंच कर दोनों हाथ शरीर के दोनों तरफ पीछे की ओर मोड़ने की कोशिश करो। इस आसन से मेरुदंड का लचकीलापन, कमर के ऊपर के भाग की पेशियां तंदुरुस्त और लचकीली बनती हैं। ज़्यादा मेहनत करने से पैदा हुए कमर-दर्द में यह आराम पहुंचाता है। स्नायु के वायु विकार और अन्य कई रोग दूर हो जाते हैं। पेट की पेशियां ताकतवर बनती हैं। भूख ज्यादा लगती है। कब्ज की शिकायत नहीं रहती, पीठ और छाती के सारे दोष दूर होकर उनके विकास में वृद्धि होती है।

उर्ध्वहस्तयानमालासन कैसे करे
दोनों पैर जोड़कर सीधे खड़े रहो और घुटनों को बिना मोड़े और बिना झुकाए घुटनों से माथा लगाओ तथा दोनों हाथ कमर के पीछे ले जाकर सिर की तरफ उठाओ। इससे पेट, छाती, गर्दन और पैरों के विकार नष्ट हो जाते हैं।

वृत्तपृष्ठहस्तयानुमालासन कैसे करे
सीधे खड़े हो जाओ, फिर कमर से झुककर दोनों हथेलियों को जुटे हुए पैरों को दोनों तरफ से ज़मीन पर टिका दो फिर घुटनों को बिना झुकाये सिर को घुटनों पर लगा दो। इससे टांगें, कमर, पीठ और उदर-विकार दोष दूर होते हैं।

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