Answer for सुचालक पदार्थ किसे कहते है ?

ऐसे पदार्थ जो विद्युत धारा को अपने में से होकर आसानी से प्रवाहित होने देते हैं अर्थात् विद्युत धारा के मार्ग में कोई भी रूकावट नहीं डालते हैं, उन्हें सुचालक पदार्थ कहा जाता है। सामान्यतः सभी धातुयें विद्युत के अच्छे सुचालक होते हैं। सर्वाधिक सुचालक धातु ‘सोना है। इसके बाद दूसरा सबसे अच्छा सुचालक ‘चांदी’ है। चूंकि ये दोनों ही धातुयें महंगी होती है। अत: इनका प्रयोग समान्य कार्यो (जैसे बिजली का तार बनाना) के लिये नहीं किया जाता है। इन दोनों पदार्थों के बाद का सर्वाधिक सुचालक पदार्थ ‘तांबा होता है, चूंकि यह एक बहुत ही महंगी धातु नहीं है अत: इसका उपयोग प्रायोगिक रूप से चालक के रूप में किया जाता है। ‘एल्युमिनियम भी एक अच्छा सुचालक पदार्थ है और चुंकि एल्युमिनियम, तांबे से सस्ता होता है, इसलिये आजकल तांबे के स्थान पर चालक के रूप में एल्युमिनियम का भी उपयोग किया जाने लगा है।
कुचालक पदार्थ
वे पदार्थ जो विद्युत धारा को अपने में से होकर प्रवाहित नहीं होने देते, अर्थात् जो पदार्थ विद्युत धारा के मार्ग में बहुत ही अधिक रूकावट डालते हैं, ऐसे पदार्थों को विद्युत का कुचालक कहते हैं। ऐसे स्थानों में जहाँ विद्युत धारा को जाने से रोकना है, वहाँ पर कुचालक पदार्थों का ही उपयोग किया जाता है। इन पदार्थों को सामान्यतः इन्सुलेटर भी कहा जाता है। रबर, प्लास्टिक, लकड़ी इत्यादि कुचालक पदार्थों के कुछ उदाहरणें हैं।

अर्द्ध चालक
वे पदार्थ जो विद्युत धारा को अपने में से होकर एक निश्चित सीमा तक ही प्रवाहित होने देते हैं, अर्थात् ना तो वे सुचालक की तरह कार्य करते और ना ही कुचालक की तरह, ऐसे पदार्थों को अर्द्धचालक पदार्थ कहते हैं। इन पदार्थों में विद्युत धारा को रोकने की क्षमता सुचालक पदार्थों की अपेक्षा अधिक तथा कुचालक पदार्थों से कम होती है। इन पदार्थों के द्वारा ही आजकल के आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स जैसेICs इत्यादि तैयार किये जाते हैं। सिलिकॉन, जर्मेनियम इत्यादि अर्द्ध-चालक पदार्थों के कुछ उदाहरणें हैं।

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