Answer for स्टीयरिंग का प्रयोग कहा होता है ?

जब आवश्यकता पड़ने पर ट्रैक्टर को मोड़ना होता है, तो स्टीयरिंग व्हील को इच्छित दिशा में घुमाया जाता है। इसके घूमने से स्टीयरिंग कॉलम घूमकर वर्म को घुमाती है। वर्म के घूमने से उससे लगा सेक्टर चूड़ियों के कारण घूमने लगता है। सेक्टर की यह चाल ड्रॉप आर्म को स्टीयरिंग घुमाने की दिशा के अनुसार आगे या पीछे करती है। इसे पुल एण्ड पुश रॉड तथा ड्रैग लिंक भी कहा जाता है, वह स्टीयरिंग के द्वारा स्टब एक्सेल को दाएँ या बाएँ घुमाती है, जिस पर पहिया लगा होता है। स्टब एक्सेल की यह चाल कनेक्टिग आर्म के द्वारा रॉड की सहायता से दूसरे पहिये के स्टब एक्सेल तथा पहिये को घुमाती है। इस प्रकार दोनों पहिये एकसमान दिशा में घूमते हैं। स्टीयरिंग व्हील को एक सीमा तक घुमाया जा सकता है। यह सीमा वर्म तथा सेक्टर पर निर्भर करती है। स्टीयरिंग व्हील को छोटे ट्रैक्टरों में 2 से 21 चक्कर तक घुमाया जा सकता है, परन्तु भारी ट्रैक्टर में स्टीयरिंग व्हील के 4 से 5 चक्कर तक घूमने की व्यवस्था रहती है। इससे स्टीयरिंग के प्रयोग में कम शक्ति लगानी पड़ती है। वैसे स्टीयरिंग पर लगाई गई शक्ति उसमें प्रयोग किए गए गियर अनुपात (gearratio) पर निर्भर करती है। गियर अनुपात से तात्पर्य स्टीयरिंग व्हील तथा सेक्टर शाफ्ट के घूमने के अनुपात से है कि कितने चक्कर स्टीयरिंग व्हील को घुमाया जाए, तब सेक्टर शाफ्ट एक चक्कर घूमेगी। प्राय: छोटे ट्रैक्टरों के लिए यह अनुपात 8:1 से 20:1 तक तथा भारी ट्रैक्टरों में यह अनुपात 20:1 से 30:1 तक भी रहता है। इससे स्टीयरिंग हल्का घूमता है तथा चलाने वाले की शक्ति कम लगती है।

वर्म एण्ड सेक्टर टाइप स्टीयरिंग Worm and Sector Type Steering
इस प्रकार के स्टीयरिंग में, स्टीयरिंग शाफ्ट के निचले सिरे पर वर्म बना रहता है, जो सेक्टर के साथ जुड़ा रहता है। इसमें वर्म के ऊपर तथा नीचे दो बियरिंग लगे होते हैं। नीचे वाले बियरिंग के साथ इसे एडजस्ट करने के लिए नट तथा चकनट की व्यवस्था रहती है। इसके द्वारा सेक्टर तथा वर्म गियर की प्ले एडजस्ट की जाती है।

वर्म एण्ड रोलर टाइप स्टीयरिंग Worm and Roller Type Steering
इस प्रकार के स्टीयरिंग में भी वर्म का प्रयोग किया जाता है, परन्तु स्टीयरिंग गियर बॉक्स में इसका सम्बन्ध एक रोलर द्वारा रहता है। यह रोलर सेक्टर शाफ्ट के साथ ‘U’ के आकार के खाँचे में बियरिंग की सहायता से लगा होता है। स्टीयरिंग व्हील के घूमने पर वर्म घूमता है तथा इसके द्वारा रोलर घूमकर सेक्टर शाफ्ट को घुमाता है। अन्य क्रिया दूसरे सभी स्टीयरिंगों जैसी होती है जैसा कि पहले बताया जा चुका है।

वर्म एण्ड वर्म व्हील टाइप स्टीयरिंग Worm and Worm Wheel Type Steering
यह स्टीयरिंग लगभग वर्म एण्ड सेक्टर शाफ्ट की तरह होता है, परन्तु इसमें सेक्टर के रूप में चौथाई से भी कम भाग का गियर प्रयोग होता है, जबकि इसमें सेक्टर शाफ्ट के ऊपर पूरा वर्म व्हील फिट रहता है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अन्य सभी भाग तथा एडजस्टमेन्ट वर्म एण्ड सेक्टर टाइप स्टीयरिंग जैसे होते हैं।

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