Answer for स्नेहक कितने प्रकार के होते है ?

घर्षण के कारण होने वाली हानियों से बचने के लिए किए जाने वाले उपायों में एक उपाय स्नेहन (lubrication) भी है। स्नेहन की प्रक्रिया में घर्षणशील भागों की सतहों के बीच में, एक उपयुक्त स्नेहक (lubricant) का प्रयोग किया जाता है। यह स्नेहक घर्षण कर रही सतहों के बीच में एक पतली परत बना देता है, जिससे दोनों सतह अलग-अलग हो जाती हैं। अब पार्ट्स की दोनों सतह स्नेहक की सतहों के साथ परस्पर गति करके घर्षण उत्पन्न करती हैं, जिसका मान बहुत कम रह जाता है। अधिकतर यह स्नेहक एक तैलीय पदार्थ होता है। यह स्नेहक चार प्रकार के होते हैं।

द्रवीय स्नेहक Liquefied Lubricant
द्रवीय अवस्था के स्नेहकों का आकार निश्चित नहीं होता। उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहाकर (flow) ले जाया जा सकता है। इसी गुण के कारण इनका उपयोग सबसे अधिक होता है। चार प्रकार के तेल, द्रवीय स्नेहक (liquid lubricant) के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।

खनिज तेल Mineral Oils
खनिज तेल, पेट्रोलियम से निकाले जाते हैं। ये तेल मोमीय (paraffine) अथवा नैफ्थायुक्त (naphthanic) होते हैं। मोमीय तेल, अधिक तापमान पर भी स्थायी रहते हैं, क्योंकि इनमें काफी मात्रा में मोम घुला होता है, तो उच्च तापमान पर तेल को नैफ्थायुक्त तेल की अपेक्षा अधिक स्थायित्व प्रदान करता है। इसके उदाहरण निम्न प्रकार हैं
1. सर्कुलेटिंग ऑयल,
2. गियर ऑयल,
3. मशीन या इंजन ऑयल,
4. रेफ्रिजरेशन ग्रेड ऑयल, 5. स्पिण्डल ऑयल,
6. स्टीम सिलेण्डर ऑयल तथा
7. वायर रोप ऑयल।

ऑर्गेनिक तेल Organic Oils
ये तेल पशुओं, वनस्पतियों और मछलियों आदि से निकाले जाते हैं। ये तेल ऊष्मा के कारण सरलतापूर्वक अपने घटकों में विच्छेदित हो जाते हैं और निम्न तापमान पर गोंद के रूप में ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति रखते हैं, क्योंकि सभी ऑर्गेनिक तेलों में एल्कोहॉल तथा वसा-अम्ल विद्यमान होते हैं। अत: इनमें अम्ल की स्वतन्त्र मात्रा उपस्थित होना सम्भावित है। कास्टर ऑयल के अणु काफी बड़े होते हैं। अत: इसका उपयोग स्नेहक के रूप में किया जा सकता है। भारी लोड के लिए उपयोग हेतु इसमें कुछ मात्रा में खनिज तेल (mineral oil) भी मिलाया जाता है और यह मिश्रण, यौगिक तेल (compound oil) कहलाता है। ऑर्गेनिक तेल भी जल के साथ तेल-जल मिश्रण बनाते हैं, जो लगभग स्थिर स्वभाव वाला होता है। ऑर्गेनिक तेलों को अमोनिया के साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि तेल में वसा-अम्लों तथा क्षारों (alkalies) की उपस्थिति के कारण साबुन उत्पन्न हो जाता है।

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