Answer for स्प्लै श प्रणाली क्या होता है ?

इस प्रणाली में स्नेहन के लिए तेल के छिड़काव का प्रयोग किया जाता है। इंजन का तेल फ्रैंक केस के नीचे लगे ऑयल सम्प या चैम्बर में भरा रहता है। इंजन के चलने पर फ्रैंक शाफ्ट के बैक पिन (बिग एण्ड बियरिंग) तथा वेट इस तेल में डूब कर चलते हैं। इनके चलने से जो तेल के छींटे उछलते हैं, उनके द्वारा इंजन के अन्दर सभी भागों का स्नेहन हो जाता है।

फोर्स फीड प्रणाली Force Feed System
इस प्रणाली में तेल उचित तेल मार्ग द्वारा प्रत्यक्ष रूप से इंजन के फ्रैंक शाफ्ट, कनेक्टिग रॉड, पिस्टन पिन, टाइमिंग गियर एवं कैम शाफ्ट में पहुँचता है। प्रथमतया तेल मेन गैलरी, जोकि पाइप या क्रैक केस ढलाई में चैनल की तरह होती है, में प्रवेश करता है। इस पाइप से तेल छिद्रों के द्वारा प्रत्येक मेन बियरिंग में जाता है एवं मेन बियरिंग से तेल फ्रैंक शाफ्ट मे ड्रिल किए गए छिद्रों के द्वारा कनेक्टिंग रॉड की बिग एण्ड बियरिंग में जाता है। इसके पश्चात् ही सिलेण्डर दीवारों, पिस्टन एवं पिस्टन रिंगों का स्नेहन सम्भव है। इसमें टाइमिंग गियर को स्नेहित करने के लिए अतिरिक्त तेल गैलरी लगाई जाती है। इस प्रणाली में स्नेहन के लिए धनात्मक विस्थापन पम्प सामान्यता गियर टाइप या वेन टाइप पम्प का प्रयोग किया जाता है।
संयुक्त प्रणाली (स्प्लैश एवं फोर्स फीड प्रणाली) Combination System (Splash and Force Feed System)
इसके अतिरिक्त ट्रैक्टरों में फोर्ल्ड स्नेहन प्रणाली तथा स्प्लैश स्नेहन प्रणाली दोनों का ही प्रयोग किया जाता है। ऐसे इंजनों में भी कनेक्टिग रॉड के बिग एण्ड बियरिंगों में ऑयल डिपर लगे होते हैं। इसके साथ-साथ ऐसे इंजनों में तेल कक्ष में इन डिपर को डूबकर चलाने के लिए तेल की अलग-अलग नलियाँ बनी रहती हैं, जिनमें ऑयल पम्प द्वारा तेल आता रहता है। इस प्रकार इंजन के कुछ भागों का स्नेहन, फोर्ल्ड स्नेहन प्रणाली द्वारा होता है, कुछ भागों का स्प्लैश स्नेहन विधि द्वारा। इसके अतिरिक्त इंजन के चलने पर तेल कुछ गर्म हो जाता है, जिससे उसमें भाप (vapour) उठने लगती है। यह तेल की भाप भी कुछ सीमा तक स्नेहन का कार्य कर देती है।

Back to top button