Answer for स्विच बोर्ड की वायरिंग कैसे करते है ?

स्विच बोर्ड पर सबसे पहले जरूरत के हिसाब से सारे स्विचों, सॉकटों, फेन रेग्युलेटरों, किटकेट फ्युज, इण्डीकेटर आदि को लगा दिया जाता है। इसके बाद डिस्ट्रीब्युशन बाक्स से सप्लाई के जो वायर स्विच बोर्ड पर आते हैं, उसमें से फेस की तार को सबसे पहले फ्युज बेस के एक सिरे पर अच्छे से कस दें। अब लगभग 1 फीट का तार लेकर उसकी स्लीव को (अर्थात् प्लास्टिक कवर को) निकाल लें। अब इस तार के एक सिरे को फ्युज के दूसरे सिरे पर कस देते हैं और फिर इस तार के दूसरे सिरे को सभी स्विचों से एक-एक कर निकालते जाते हैं तथा उन स्विचों के नट से उन्हें कसते जाते हैं। यहाँ ध्यान रखें कि तार और नट ढीले न रहें। अन्यथा वहाँ स्पार्किंग होगी और स्विच गर्म होकर जल जायेंगे।
डिस्ट्रीब्युशन बॉक्स से आने वाले न्यूट्रल की तार को सबसे पहले इण्डीकेटर के एक सिरे पर जोड़ दें। इसके बाद काले रंग के आधे फीट का लंबा तार लेकर सबसे पहले उसके एक सिरे पर के 2 इंच लंबे स्लीव को निकाल लें। इस स्लीव निकले भाग को इण्डीकेटर के उसी सिरे पर अच्छे से कस दें जहाँ आपने अभी-अभी डिस्ट्रीब्युशन बॉक्स से आने वाले न्यूट्रल के तार को जोड़ा था। अब इस काले रंग के तार के दुसरे सिरे के स्लीव को कुछ दूरी तक का निकालकर इसे वॉल-सॉकिट के एक तरफ के दोनों सिरों पर अच्छी तरह कस दें।
इसके बाद इण्डीकेटर के दुसरे सिरे पर एक लाल रंग का तार जोड़ते हैं और उसे स्विच बोर्ड में लगे फेस के साथ जोड़ देते हैं। अब इण्डीकेटर के इसी सिरे से एक और लाल तार बाहर निकाल लेते हैं। इस प्रकार इण्डीकेटर के दोनों सिरों से निकले तारें, कमरे में इस बोर्ड के अलावा अन्य बोर्ड या पाईंट लगाने के लिये उपयोग किये जाते हैं। इसके बाद स्विच बोर्ड पर लगे शेष स्विचों और फेन रेग्युलेटरों की वायरिंग उपर दिखाये गये चित्रानुसार करें।
स्विच बोर्ड की वायरिंग कर लेने के बाद स्विचों की वायरिंग संबंधित इलेक्ट्रिसिटी उपकरण और संबंधित पाईंट तक करना सुरक्षा और सुंदरता की दृष्टि से बहुत महत्व पूर्ण होता है। इसके लिये अपनाई जाने वाली सभी विधियों का

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