Answer for हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल क्या होता है

– यह वर्ल्ड वाइड वेब में डेटा कम्प्युनीकेशन के लिये एक प्रकार की फाउंडेशन या आधारशिला का काम करता है। यह एक एप्लीकेशन प्रोटोकॉल होता है जिसका प्रयोग डिस्ट्रीब्यूशन, कॉलीबोरेशन और हाइपर मीडिया इंफॉरमेशन सिस्टम में किया जाता है।

– हाइपर टेक्स्ट, स्ट्रक्चर्ड टेक्सट होता है जोकि लॉजिकल लिंक प्रयोग करता है। इन लॉजिकल लिंक्स को ही हाइपर लिंक्स कहते हैं। ये नोड्स और टेक्स्ट के मध्य काम करते हैं।

– HTTP एक ऐसे प्रोटोकॉल के रूप में काम करता है जो हाइपर टेक्स्ट को एक्सचेंज कर सकता है और स्थानान्तरित भी कर सकता है।

– HTTP का विकास इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स (IETF) और वर्ल्ड वाइड वेब कन्सोर्टियम (W3C) के द्वारा किया गया है। इसके पहले संस्करण को HTTP/1.1 के नाम से जाना जाता है।

– HTTP, क्लाइंट सर्वर कम्प्यूटिंग मॉडल में एक रिक्वेस्टरिस्पांस प्रोटोकॉल के रूप में काम करता है। उदहारण के तौर पर एक वेब ब्राउंजर एक क्लाइंट हो सकता है और कम्प्यूटर पर रन हो रहा एप्लीकेशन, जो एक वेब साइट को रूप में हो सर्वर हो सकता है।

सर्वर, जोकि HTML फाइलों और अन्य कंटेंट के रूप में रिसोर्स उपलब्ध कराता है या दूसरे फंक्शन क्लाइंट के पक्ष में परफार्म करता है, क्लाइंट को रिस्पांस मैसेज रिटर्न करता है। इस रिस्पांस में रिक्वेस्ट के बारे में कम्पलीशन स्टेटस की जानकारी होती है और साथ ही साथ इसमें रिक्वेस्ट कंटेट की मैसेज भी होता है।

– HTTP एक एप्लीकेशन लेयर प्रोटोकॉल होता है जिसे इंटरनेट प्रोटोकॉल सुइट के अंतर्गत डिजाइन किया जाता है। यह ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल दोनों को प्रयोग करने में सक्षम होता है।

– HTTP रिसोर्सेज और नेटवर्क लोकेशन की पहचान URLs अर्थात यूनीफार्म रिसोर्स लोकेटर के द्वारा की जाती है। यह यूनीफार्म रिसोर्स आइडेन्टीफायर को भी प्रयोग करता है। यूआरआई और हाइपर लिंक्स में हाइपर मार्कअप लैंग्वेज (HTML) डाक्यूमेंट्स इंटरलिंक्ड होते हैं। इसे इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह क्लाइंट और सर्वर के बीच के संचार को और बेहतर कर सके।

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