Answer for हीट रिकवरी के माध्यम से ऊर्जा की बचत कैसे करे ?

अनेक प्रक्रमों में पर्याप्त मात्रा में अपवर्ण्य (waste) ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसके उदाहरणों में सम्मिलित हैं—इंजनों द्वारा उत्सर्जित स्टैक्स, बॉयलर्स एवं भट्ठियाँ, ऊष्मा प्रणाली में संघनित (condensed), ऊष्मीय अनुप्रयोगों के साथ-साथ सम्पीडित (compressed) वायु प्रणालियाँ। ऊष्मा पुनर्घाप्ति में निरर्थक या निष्प्रयोज्य ऊष्मा का संयन्त्र के अन्य भाग के लिए उपयोग निहित है। ऊष्मा परिवर्तकों का उपयोग निष्प्रयोज्य धारा से ऊष्मा को खींचने और अन्य भाग को ऊष्मा के हस्तान्तरण में किया जाता है। अनेक उदाहरणों में अपवर्त्य ऊष्मा का प्रक्रम के एक भाग के उसी प्रक्रम में प्रयुक्त तरल को पहले गर्म करने में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए-एक भट्ठी के एग्जॉस्ट की गर्म हवा का उसी प्रक्रम के एक तरल को प्रीहीट कर पुन: उपयोग में कर लिया जाता है। अपवयं ऊष्मा (wasteheat) की उद्यमीय प्रक्रम की समग्र ऊर्जा जाँच के एक भाग के रूप में सबसे बेहतर पहचान की जाती है। जाँच में तरल प्रकार (द्रव या गैस) की पहचान, उत्पन्न तरल की मात्रा, एक वॉल्यूम (आयतन) या फ्लो-रेट, तरल का तापमान, उत्पत्ति का समय, इसकी स्थिति के साथ-साथ ऊष्मा की प्रक्रम में स्थिति ज्ञात की जानी चाहिए। इस सूचना के माध्यम से अपवर्त्य ऊष्मा का मुद्रा सम्बन्धी मान भी सुनिश्चित किया जा सकता है। यदि अपवयं ऊष्मा उत्पाद का आकार और स्थिति ज्ञात है, तो ऊर्जा बचत के पोटैन्शियल के साथ-साथ एक उपयुक्त ऊष्मा परिवर्तक को एक विस्तृत विश्लेषण की सहायता से जाना जा सकता है। ऊष्मा परिवर्तक युक्तियाँ वे हैं जो ऊष्मा की पुनर्घाप्ति अपवयं ऊष्मा का एक प्रक्रम से अन्य प्रक्रम में उपयोग करती हैं। बाजार में विभिन्न प्रकार के ऊष्मा परिवर्तक उपलब्ध हैं। रिक्युपरेटर प्रकार के ऊष्मा परिवर्तक निरन्तर फीड प्रक्रमों में कार्य करने में सक्षम होते हैं। पुनर्जनित्र प्रकार के ऊष्मा परिवर्तकों में ऊष्मा की पुनाप्ति कुछ देरी से होती है, क्योंकि तरल से ऊष्मा के मुक्त होने के लिए संग्रह काल की जरूरत होती है। अत: यह बैच प्रक्रमों के लिए उपयुक्त होती है।

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