Answer for Fashion Trend क्या होता है

विश्व में हर जीव अपने को सुन्दर बनाना चाहता है तथा सुन्दरता को ही देखना पसन्द करता है। वस्त्रों के अनेकों प्रकार, डिज़ाइन इसीलिए बनाए जाते हैं ताकि उनको पहनकर सुन्दर लग सकें। टेलरिंग, फैशन डिजाइनिंग करने के उपरान्त इतनी दुकानें, बुटीक, शो रूम जो खुलते हैं उनमें अनेकों प्रकार के कपड़े होते हैं। एक टेलर या डिज़ाइनर कपड़ों को बनाने में अपनी रचनात्मकता (Creativity) का पूरा प्रयोग करते हैं। उन कपड़ों में नवीनतम चलन, बाजार स्थितियां, मौसम, फिटिंग, स्टाइल, रंगों, बुनावटों, साइज, कपडे या फैब्रिक की किस्मों आदि सभी कुछ इस ढंग से शामिल किया जाता है कि देखने वाला तुरंत पसन्द कर लेता है। ये सब समय के साथ-साथ बदलता रहता है। लोगों की पसन्द नापसन्दगी का ज्ञान एक टेलर को रखना होता है। एक रिवाज या फैशन कुछ दिनों, कुछ महीनों या कुछ वर्षों तक कायम रहता है। फिर उसको बदलना ही डिज़ाइनर का काम होता है। खास तौर पर इस फैशन को लाने या फैलाने में सहायक टेलीविजन, पत्रिकाएँ, फिल्में तथा न्यूज पेपर की जानकारी भी सहायता देती है। इतनी फिल्में बनती है, उनमें अनेकों कलाकारों का काम होता है। सब पात्रों के काम के अनसार उनकी वेश भूषा को चनना. डिज़ाइन तथा स्टाइल आदि का निर्माण करना डिज़ाइनरों का ही काम होता है। यह सब डिज़ाइनर अपने कोर्स में पढ़ते हैं। हर मौसम, पसन्दगी तथा स्टाइल ये लोग ही बनाते हैं। जनता उन्हें देखकर स्वयं अपने लिए भी वैसी ड्रैस बनवाती है। यहीं से फैशन ट्रेंड शुरू हो जाता है। कभी ऊँची पतलून, ढीली ट्राउज़र, कभी नीची स्कर्ट, कभी घुटने तक तो कभी बड़ी फिल्म में तो पात्र अपने रोल के हिसाब से पहनते हैं किन्तु आम जीवन में. अपनी रुचि के अनुसार लोग पहन लेते हैं

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