Answer for LED मॉनीटर का मेंटीनेन्स क्या होता है

आज के समय में इन नयी तकनीक वाले मॉनीटर को ही प्रयोग किया जा रहा है। यदि आप चाहते हैं कि यह हमेशा ठीक चलता रहे और इसमें कोई खराबी न आये तो निम्न प्रकार की सावधानियां बरतें

⇨ मॉनीटर के कनेक्टरों को हमेशा कम्प्यूटर के साथ सही ढंग से जोड़े। जो कनेक्टर जिस जगह लगना हो, उसे नहीं लगायें। निम्न चित्र में इस प्रक्रिया को प्रस्तुत किया गया है

⇨ गीले एडॉप्टर का उपयोग न करें। अस्थिर और असमान सतह पर अथवा ऐसे स्थान पर जहां कि कम्पन होता हो मॉनीटर का उपयोग न करें।

⇨ कम्पन वाले स्थानों पर मॉनीटर के उपयोग के कारण मॉनीटर की आयु घट सकती है अथवा इससे आग लगने की भी संभावना बनी रहती हैं।

⇨ मॉनीटर को सरकाते समय या एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते समय मॉनीटर को बंद कर दें एंव उसकी मेन्स वायर के प्लग को आऊटलेट से निकाल लें।

⇨ अनुचित अपर्याप्त ग्राऊण्ड से विद्युत का झटका लगने की संभावना बनी रहती है अथवा इससे उपकरण को नुक्सान पहुंचने की भी संभावना बनी रहती हैं। पॉवर प्लग को आऊटलेट में अच्छे से कस कर इस तरह से लगाएं कि वहां पर कोई ढीलापन न रहे।

⇨ गलत ढंग से कनेक्शन के कारण आग लगने की संभावना बनी रहती है। प्लग एंव वायर को बहुत अधिक न तो मोड़े और न ही इनके ऊपर कोई भारी सामान रखें। इससे ये खराब हो सकते हैं।

⇨ एलईडी स्क्रीन में इमेज रिटेन्शन की समस्या से मॉनीटर को बचाए रखने का सबसे सरल उपाय यह है कि जब मॉनीटर का उपयोग न हो रहा हो तब कम्प्यूटर के द्वारा मॉनीटर की स्क्रीन पर स्क्रीन सेवर प्रदर्शित कराया जाए।यदि स्क्रीन पर वीडियो पैटर्न लगातार बदल रही है अर्थात् लगातार भिन्न-भिन्न वीडियो इमेज प्रस्तुत हो रही हैं तो फिर इमेज रिटेन्शन की संभावना नहीं रहती हैं।

⇨ यदि इन्पुट सिग्नल में कोई त्रुटि होगी तो एक संदेश सामने प्रदर्शित होगा अथवा पॉवर इण्डीकेट LED के प्रकाशित रहने के बावजूद भी मॉनीटर स्क्रीन ब्लेन्क हो जाएगी।

⇨ यह संदेश यह सूचित करता है कि मॉनीटर, स्केन रेन्ज के बाहर है अथवा आपको सिग्नल केबल की जांच करने की जरुरत है।

⇨ मॉनीटर, कम्प्यूटर से मिलने वाले दृश्य सिग्नलों को पुन:निर्मित करता है। इसलिए यदि कम्प्यूटर या वीडियो केबल की कोई खराबी होगी तो इसके कारण मॉनीटर स्क्रीन ब्लैंक हो जाएगी अथवा कमजोर कलर दिखाई पड़ेगें अथवा नॉईस प्राप्त होगा अथवा वीडियो मोड सपोर्ड नहीं होगा।

⇨ यदि स्क्रीन पर कोई इमेज दिखाई नहीं दे रही हैं अथवा पिछले चित्रों में बताए अनुसार डिस्पले प्राप्त हो रहा है तो मॉनीटर की चालू स्थिति में कम्प्यूटर से आने वाली केबल को निकालें।

⇨ ऐसा करने के यदि मॉनीटर की स्क्रीन पर कोई मैसेज प्राप्त होता है अथवा स्क्रीन सफेद हो जाती है तो इसका मतलब यह समझें कि मॉनीटर कार्य कर रहा हैं। इस स्थिति में कम्प्यूटर में खराबी की जांच करें।

⇨ कभी भी कम्प्यूटर के ऑन होने की अवस्था में मॉनीटर को डिस्प्ले पोर्ट से न जोड़ें।

⇨ ग्राफिक्स कार्ड, कम्प्यूटर सिस्टम , प्रकाश की स्थिति एंव कई अन्य पर्यावर्णीय कारणों से मॉनीटर का परफार्मेंस बदलकर रहता हैं। मॉनीटर पर बढ़िया से बढ़िया इमेज प्राप्त कर सकने के लिए मॉनीटर की सेटिंग करने की जरुरत पड़ती हैं।

⇨ मॉनीटर पर इमेज की सेटिंग करने के लिए मॉनीटर पर मेन्यूअल’ कंट्रोल्स दिए गए हैं जिनसे इमेज को बढ़िया सेट कर पाना काफी मुश्किल काम साबित होता है। बिल्कुल सही ट्युनिंग के लिए एक ऐसे प्रोग्राम की जरुरत महसूस होती है जो कि उपयोग में आसान हो तथा जिसकी सहायता से चरण-दर-चरण कार्य करते हुए बेहतरीन पिक्चर क्वालिटी प्राप्त की जा सकें।

⇨ अधिकांश स्थितियों में, ब्राईटनेस या कंट्रास्ट जैसे आसान एडजस्टमेंट के लिए कई स्तरों वाले ऑन-स्क्रीन डिस्पले होते है जिन्हें समझ पाना भी आसान नहीं होता हैं। इसके अलावा, मॉनीटर के कंट्रोल्स को सही-सही सेट करने के कार्य में सहायता प्रदान करने की भी कोई व्यवस्था नहीं होती हैं।

⇨ मैजिक ट्यून एक ऐसी सॉफ्टवेयर यूटीलिटी है जो आसान निर्देशों एंव प्रत्येक मॉनीटर कंट्रोल के लिए डिजाईन की गई बैकग्राउण्ड पैटन्टर्स के साथ पूरी ट्यूनिंग प्रोसेस में हमें गाईड करती रहती है। इसमें ऐसी सुविधा होती हैं कि प्रत्येक यूजर के लिए डिस्पले सेटिंग को सेव किया जा सकता हैं।

⇨ मैजिक ट्यून यूटीलिटी, डिस्प्ले डाटा चैनल कमाण्ड इन्टरफेस (DDC/CI) प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए मॉनीटर एडजस्टमेंट एंव कलर ट्यूनिंग का कार्य करती हैं। इस यूटीलिटी में मॉनीटर ऑन-स्क्रीन-डिस्प्ले (OSD) के उपयोग की आवश्यकता से बचने के लिए डिस्पले के सभी एडजस्टमेंट सॉफ्टवेयर के माध्यम से नियंत्रित किए जाते हैं। परम्परागत तौर पर कम्प्यूटर डिस्पले केवल लेण्डस्केप मोड में ही देखने की सुविधा प्रदान करते हैं।

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