Answer for Main Nozzle क्या होता है ?

यह एक पेट्रोल का मुख्य मार्ग होता है, इसे मेन जेट आदि से नियन्त्रित रखा जाता है। इंजन की अधिकतर चालों में इसी मार्ग से पेट्रोल जाता है। इसके मुँह की ऊँचाई फ्लोट चैम्बर में भरे पेट्रोल की सतह के बराबर होती है। इस प्रकार यह भाग ऊपर तक हमेशा पेट्रोल द्वारा भरा रहता है।

मीटरिंग रॉड Metering Rod
यह फ्लोट बाउल के एक जैट में रहती है। इसका एक सिरा एक्सीलेरेटर से जुड़ा रहता है। जब इंजन को तेज चाल पर चलने की आवश्यकता होती है, तो उस समय मेंन नॉजिल से अधिक मात्रा में पेट्रोल जाना चाहिए, जिससे शक्तिशाली मिश्रण बन सके। इसके विपरीत धीमी चाल पर उतने पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। इस मीटरिंग रॉड द्वारा इंजन की विभिन्न चालों के लिए पेट्रोल सप्लाई की मात्रा नियन्त्रित रहती है। इस पर दो-तीन स्टैप बने होते हैं। मीटरिंग रॉड जिस जेट में फिट रहती है, उसी के द्वारा सभी परिपथों में पेट्रोल निकलकर मिश्रण के रूप में सिलेण्डरों में जाता है। मीटरिंग रॉड का सम्बन्ध थ्रॉटल खोलने वाली एक्सीलेरेटर लिंक से रहता है, इसलिए जब एक्सीलेरेटर कम दबाया जाता है, तो थ्रॉटल वाल्व भी खुलता है तथा उसी के अनुरूप मीटरिंग रॉड भी ऊपर उठती है। इससे पेट्रोल जाने का मार्ग बढ़ जाता है।
इसी प्रकार मीटरिंग रॉड का प्रत्येक स्टेप थ्रॉटल के अधिक खुलने के साथ ही खुलता जाता है तथा मिश्रण में पेट्रोल का पर्याप्त अनुपात बढ़ता जाता है और इंजन की चाल बढ़ती है। जब मीटरिंग रॉड के सबसे मोटे भाग के पास से पेट्रोल निकलता है, तो उस समय थ्रॉटल लगभग बन्द रहता है तथा मिश्रण में पेट्रोल की मात्रा कम अनुपात में पहुँचती है, जिससे इंजन धीमी गति से चलता है।

कार्बरेटर बैरल्स Carburetor Barrels
यह एक ऐसी युक्ति है, जो काबुरेटर के साथ संयोजित होकर इंजन के निष्पादन (performance) को उच्च चाल में भी बढ़ा देता है। सामान्यता काबुरेटर में एक, दो, तीन या चार बैरल का प्रयोग किया जा सकता है। दो बैरल रखने वाले कार्बुरेटर दो इनलेट (inlet) एवं दो आउटलेट (outlet) मैनीफोल्ड रखते हैं। वर्तमान में प्राय: काबुरेटर के साथ दो एवं चार बैरल का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि ये दीर्घ इंजन विस्थापन (large engine displacement) के साथ उच्च वायु प्रवाह दर को भी समायोजित (accommodate) करते हैं।

प्रकार Types
ट्रैक्टरों में काबुरेटर लगाने के कई तरीके हैं, जिन्हें हवा जाने के मार्गों के अनुसार इंजन के डिजाइन के आधार पर अपनाया जाता है। इसके अनुसार कार्बरेटर तीन प्रकार के अधिकतर प्रयोग किए जाते हैं

अपड्राफ्ट काबुरेटर Updraft Carburetor
इस प्रकार के कार्बुरेटर इनलेट मैनीफोल्ड के नीचे की ओर इस प्रकार नट-बोल्ट द्वारा फिट किए जाते हैं कि ये देखने पर उल्टे लटके-से प्रतीत होते हैं। ये नीचे की ओर से हवा खींचते हैं, जो ऊपर जाकर पेट्रोल को मेन नॉजिल के साथ सिलेण्डर में ले जाती है, परन्तु मेन नॉजिल का मुँह ऊपर ही रहता है। इस प्रकार के काबूरेटर में एक्सीलेरेशन पम्प की व्यवस्था नहीं की जाती है। अत: यह हल्के तथा छोटे इंजनों के लिए ही उपयुक्त समझा जाता है। डाउनड्राफ्ट काबुरेटर Downdraft Carburetor इस प्रकार के कार्बुरेटर इनलेट मैनीफोल्ड में ऊपर की ओर नट-बोल्ट द्वारा फिट किए जाते हैं। इसमें एयर हॉर्न में ऊपर की ओर ही चोक वाल्व लगाया जाता है तथा यह ऊपर से ही हवा खींचता है। यह हवा में मेन नॉजिल से पेट्रोल खींचकर अपने साथ सिलेण्डर में ले जाती है। इस प्रकार के काबुरेटर में सभी आवश्यक सुविधाएँ होती हैं, जिनसे इंजन की हर प्रकार की चाल में सही आनुपातिक मिश्रण प्राप्त होता रहता है। इसी कारण अधिकतर ट्रैक्टरों में इसी प्रकार के कार्बुरेटर का प्रयोग किया जाता है।

होरीजॉन्टल कार्बुरेटर Horizontal Carburetor
इस प्रकार का कार्बुरेटर इनलेट मैनीफोल्ड के एक किनारे पर फिट रहता है। इसका एयर हॉर्न लेटा-सा नजर आता है, जिसमें बाहर के सिरे पर चोक वाल्व लगा होता है। मेन नॉजिल इसमें भी वेन्चुरी में ऊपर की ओर मुँह करके ही फिट की जाती है। यह एक किनारे से हवा खींचकर सिलेण्डर तक पहुँचाता है।

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