Answer for MO या मैग्नेटो ऑप्टिकल ड्राइव किसे कहते है
यह एक प्रकार की ऑप्टीकल डिस्क ड्राइव ही होती है। इसमें मैग्नेटिक ऑप्टिकल डिस्क को प्रयोग करके उस पर डेटा को राइट कर सकते हैं, डिलीट कर सकते हैं और रि-राइट भी कर सकते हैं। यह दो आकारों में आती थी, ये आकार हैं
⇨ 130 mm (5.25 inch)
⇨ 90 mm (3.5 inch)
इस ड्राइव की 130 mm की डिस्क में प्रयोग किया जाने वाला मीडिया एक सीडी – रोम की तरह से होता है जिसे एक जैकेट में बंद कर दिया गया हो। यह केस या जैकेट इस मीडिया को धूल और गंदगी से बचाता है।
⇨ अपने शुरुआती दिनों में MO डिस्क वास्तव में WORM होती थी। इसका अर्थ है राइट वन्स, रीड मैनी। लेकिन बाद में तकनीक में सुधार होने से इसमें बार-बार लिखने की क्षमता का समावेश किया गया। ⇨ इस डिस्क में फेरोमैग्नेटिक मैटीरियल का प्रयोग होता है जिस प्लास्टिक की कोटिंग से सील कर दिया जाता है। इसका भौतिक कॉन्टेक्ट केवल उसी समय होता है जब एक मैग्नेटिक हैड इसके सम्पर्क में लेजर के विपरीत दिशा में आता है।
इसे रीड करने के दौरान लेजर एक किरण को डिस्क की सरफेस की स्टेट के अनुसार प्रोजेक्ट करता है, जिससे लाइट परावर्तित या रिफलेक्ट होकर परिवर्तित होती है। परावर्तन के कारण लाइट में आये इस परिवर्तन को magneto-optic kerr इफेक्ट के नाम से जाना जाता है। जब इसी डिस्क पर रिकार्डिंग की जाती है तो इसकी लेजर पॉवर बढ़ जाती है मैटीरिल को ज्यादा उष्मा मिलने लगती है और इससे डिस्क के अपोजिट साइट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड सक्रिय हो जाता है, जिसकी वजह से लोकल मैग्नेटिक पोलराइजेशन चेंज हो जाता है और यह पोलराइजेशन तब तक बना रहता है जब तक कि इसके तापमान में गिरावट नहीं आती है।
इस डिस्क का प्रत्येक राइट साइकल इसके किसी न किसी क्षेत्र को इरेज करता है और इस पर लिखने के लिये इंफॉरमेशन को पास करता है। इस प्रक्रिया में लेजर बीम रिकार्डिंग लेयर तक गर्मी या हीट को भेजती है जिससे उत्पन्न मैग्नेटिक फील्ड का प्रयोग वास्तव में रिकार्डिंग लेयर के मैग्नेटिक ओरियेन्टेशन को परिवर्तित करता है। इसी परिवर्तन की वजह से लेजर जब सूचना को रिकार्ड करता है तो 1 का प्रयोग करता है और जब डिलीट या इरेज करता है तो 0 का प्रयोग करता है। इन ड्राइवों को कम्प्यूटर की पैरलल, सीरियल और स्कैजी पोर्ट से साथ-साथ यूएसबी पोर्ट से भी जोड़कर प्रयोग किया जाता है। वर्तमान समय में इस ड्राइव का प्रयोग समाप्त सा हो गया है। इसकी जगह सीडी और डीवीडी ड्राइव ने ले ली है।