Answer for Tie and Die क्या होती है
यह स्टाइल राजस्थान, गुजरात, काठियावाड़ आदि राज्यों का प्रसिद्ध व चहेता स्टाइल है। वस्त्रों में जैसा भी डिज़ाइन बनाना हो, वैसा ही उस पर बना कर उसमें दालें, चावल तथा अन्य दानों को बांधकर फिर उनको रंगा जाता है। ये वस्त्र तीन-तीन या कई बार 4 रंगों के भी होते हैं। ये भी सुहागनों के लिए मंगलमयी तथा सौभाग्य सूचक माने जाते हैं। ये रंग बिरंगे रंगों से वस्त्र उल्लास व तरुणाई के प्रतीक समझे जाते है। गुजरात व राजस्थान की बांधने वाली स्त्रियां बिना डिज़ाइन छापे ही डिज़ाइन को बांध कर बना लेती हैं। यह भी कई-कई रंगों में रंगा जाता है। पटोला और बांधनी में अन्तर यह है कि इसमें कपडे को बांध कर फिर रंगा जाता है। पटोला के अनुसार इसमें भी पहले हल्के रंग में रंगते हैं. फिर उससे गहरे में तथा फिर और गहरे रंग में रंगते हैं। बांधने का काम धागों से करते हैं। कई बार उन बंधे हए धागों पर मोम लगा देते हैं ताकि उस हिस्से पर गहरा रंग न चढ़ने पाए। इस बंधनी क्रिया में परम्परागत नमूने जैसे नर्तकी, पशु-पक्षी, फूल आदि तथा बेल-बूटे कई-कई रंगों में रंग कर बनाए जाते हैं। कुछ रंगने वालों की कार्यकुशलता ऐसी भी है कि एक ही वस्त्र के दोनों तरफ, दो प्रकार के नूमनों को रंग कर तैयार करते थे, जिसे देखकर कलाकार की कला की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जा सकता है।