Answer for Transistor क्या होता है ?

ट्रांजिस्टर जिन दो शब्दों के संयोग से मिलकर बना है उनमें से एक शब्द Trans है, जिसका अर्थ स्थानान्तरण है तथा दूसरा शब्द Resistance है जिसका अर्थ प्रतिरोध है। इन दो शब्दों का अर्थ होता है प्रतिरोध का स्थानान्तरण। ट्रांजिस्टर में तीन इलेक्ट्रोड होते हैं। प्रथम इलेक्ट्रोड को उत्सर्जक या एमीटर, दूसरे को बेस तथा तीसरे को संग्राहक या कलैक्टर कहते हैं। P-N जंक्शन के साथ यदि N-टाइप जर्मेनियम की परत को जोड़ा जाता है तब N-P-N जंक्शन का निर्माण होता है तथा यदि P-N जंक्शन के साथ P-टाइप जर्मेनियम की परत को जोड़ा जाता है तब P-N-P जंक्शन का निर्माण होता है। यह दोनों ही जंक्शन ट्रांजिस्टर P-N-P तथा N-P-N ट्रांजिस्टर के नाम से जाने जाते हैं। ट्रांजिस्टर का केन्द्रीय भाग बेस, एक ओर का बाह्य भाग संग्राहक या कलैक्टर तथा दूसरी ओर का भाग उत्सर्जक या एमीटर कहलाता है। ट्रांजिस्टर का प्रयोग स्विच एवं प्रवर्द्धक के रूप में किया जाता है। ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में ट्रांजिस्टर पर उचित बायसिंग एवं वोल्टेज का प्रयोग करके विभिन्न प्रक्रियाओं को नियन्त्रित किया जाता है। इसका उपयोग स्वचालन कार्यों हेतु भी करते हैं। ट्रांजिस्टर कम वोल्टेज पर प्रचालित होने वाली यक्ति है तथा इसके द्वारा कम पावर व्यय होती है। इसके अतिरिक्त तीव्र प्रचालन, छोटा आकार, अधिक कार्यकारी आयु एवं विद्युत झटका रहित होना इसके विशिष्ट गुण हैं, जो इसको अन्य यान्त्रिक एवं वैद्युतिक युक्तियों की अपेक्षा बेहतर बनाते हैं।

फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर FET
यह एक जंक्शन तथा तीन सिरों वाला विशेष प्रकार का ट्रांजिस्टर है जिसमें ड्रेन करण्ट का नियन्त्रण, जंक्शन पर दी गई बायस से उत्पन्न डिप्लीशन-रीजन द्वारा होता है। इसमें करण्ट का नियन्त्रण निर्वात-ट्यूब के समान, इनपुट पर दी गई बायस पर आधारित होता है। जबकि अन्य ट्रांजिस्टर्स में कलैक्टर करण्ट का नियन्त्रण इनपुट (बेस) करण्ट पर आधारित होता है। FET में करण्ट के प्रवाह में केवल एक ही प्रकार के आवेश भाग लेते हैं अर्थात् N-चैनल में इलेक्ट्रॉन तथा P-चैनल में होल्स, इसलिए यह, यूनिपोलर युक्ति (device) कहलाती है।

मेटल ऑक्साइड सेमी-कण्डक्टर फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर MOSFET
यह ट्रांजिस्टर एक महत्त्वपूर्ण अर्द्ध-चालक युक्ति है, जिसका उपयोग अनेक सर्किट्स में किया जाता है। MOSFET का इनपुट इम्पीडैन्स, FET के इम्पीडैन्स की अपेक्षा बहुत अधिक होता है, क्योंकि इसकी गेट लीकेज करण्ट बहुत कम होती है। इसका उपयोग उन सभी सर्किट्स में हो सकता है जिनमें FET उपयोग किया जाता है। इसका कार्य सिद्धान्त ठीक FET के समान है।

यूनिजंक्शन ट्रांजिस्टर UJT
यह एक अर्द्ध-चालक युक्ति है जो कि दो डायोड्स के समतुल्य है। इसमें तीन टर्मिनल्स तथा एक जंक्शन होता है। इसमें हल्की डोपिंग (उच्च प्रतिरोधकता) वाली एक अर्द्ध-चालक छड़ होती है जो प्रायः N-टाइप होती है जिसके केन्द्र पर उच्च डोपिंग (निम्न प्रतिरोधकता) पदार्थ का विपरीत पोलेरिटी क्षेत्र होता है। बेस-1 तथा बेस-2 टर्मिनल्स अर्द्ध-चालक छड़ के दोनों सिरों पर प्रतिरोधक सम्पर्क (ohmic contact) तथा केन्द्र पर एमीटर संयोजित किये जाते हैं। सामान्य प्रचालन दशा में चित्र (ab) में दर्शाये गए अनुसार UJT का बेस-1 अर्थ (ग्राउण्ड) प्वॉइण्ट से संयोजित किया जाता है तथा बेस-2 धनात्मक बायस पर रखा जाता है तथा एमीटर को कम धनात्मक वोल्टेज पर रखा जाता है जिसके कारण ट्रांजिस्टर रिवर्स बायस पर रहेगा। इसके विपरीत यदि एमीटर का वोल्टेज बेस-क्षेत्र के वोल्टेज से अधिक होगा तब ट्रांजिस्टर फॉरवर्ड बायस पर रहेगा। इस दशा में एमीटर से होल्स, जंक्शन को पार करके बेस-1 पर पहुँचते हैं, इस प्रकार एमीटर से करण्ट प्रवाहित होती है और जंक्शन का प्रतिरोध घट जाता है तथा एमीटर वोल्टेज भी घट जाता है। इस प्रकार इस ट्रांजिस्टर निगेटिव-रेजिस्टेन्स का गुण प्रदर्शित होता है।

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