कनेक्टर के कलर कोड कैसे होते है

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itipapers Staff asked 2 years ago

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itipapers Staff answered 1 year ago

साउंड कार्ड के साथ जिन कनेक्टरों का प्रयोग किया जाता है उनके लिये कुछ रंगों का निर्धारण किया गया है जिससे उनकी पहचान में आसानी रहे।वर्तमान समय में अत्यन्त उच्च क्षमता के साउंड कार्ड बाजार में आ गये हैं, और अब यह जरूरी भी नहीं है कि ये कार्ड के रूप में ही हों। प्रयोग में आसानी रहे इसके लिये इन्हें USB पोर्ट पर लगाने के उद्देश्य से इन्हें इस नये रूप में लांच किया गया हैइसका प्रयोग उन कम्प्यूटरों और लैपटॉप में किया जाता है जिनमें साउंड पोर्ट नहीं होती है और न ही साउंड कार्ड लगाने की जगह

⇨ साउंड कार्ड कई तकनीकों पर आधारित होते हैं। कुछ साउंड कार्ड मदरबोर्ड में बनी आईएसए (ISA) स्लॉट पर लगाएं जाते हैं और कुछ साउंड कार्ड पीसीआई (PCI) स्लॉट पर लगाए जाते हैं। वर्तमान समय में आईएसए स्लॉटों का चलन बंद हो गया है।

⇨ कुछ कम्पनियां साउंड कार्ड में ही गेम कंट्रोलर को लगाने की सुविधा भी प्रदान करती हैं।

⇨ यदि आप डेस्कटॉप के बजाय, लैपटॉप का प्रयोग कर रहे हैं तो उसमें भी आपको एक साइड में साउंड पोर्ट या माइक और स्पीकर लगाने के कनेक्टर मिलेंगे। इनसे आप स्पीकरों और माइक को जोड़ सकते हैं। निम्न चित्र में ऐसे ही एक लैपटॉप का दर्शाया गया है

⇨ आवाज को सुनने के लिये अलग जैक होता है और आवाज को इनपुट करने के लिये अलग जैक होता है।

⇨ इसके अलावा आप इस कार्ड के जरिए कंप्यूटर की आवाज को बाहरी स्पीकरों पर सुन सकते हैं। हेड फोन के जरिए सुन सकते हैं, एम्पलीफाई स्पीकरों के द्वारा सुन सकते हैं और टीवी इत्यादि में भी इस आवाज को सुना जा सकता है।

⇨ साउंड कार्ड में बनी लाइन आउट सॉकेट के द्वारा आप यह सभी काम कर सकते हैं। आजकल कम्प्यूटर से भी एक साथ अनेक स्पीकरों को जोड़ा जाता है। इन्हें मल्टीचैनल स्पीकर या सराउंड साउंड स्पीकर कहते हैं।

⇨ यदि आप टेप रिकार्ड की आवाज या किसी दूसरे उपकरण से पैदा की हुई आवाज को कंप्यूटर में फाइल के रूप में सेव करना चाहते हैं तो आप लाइन इन के जरिए साउंड कार्ड को इस्तेमाल करके यह काम कर सकते हैं।

⇨ साउंड कार्ड से पैदा हुई आवाज को हम स्पीकरों के द्वारा बाहर सुनते हैं। साउंड कार्ड के जरिए हम अपनी आवाज को रिकार्ड करने के लिए माइक्रोफोन का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा स्टीरियो सिस्टम, इत्यादि के जरिए भी हम कंप्यूटर में आवाज इनपुट कर सकते हैं, और उसे सुन भी सकते हैं। कुछ लोग इसे साउंड ब्लास्टर तकनीक की वजह के नाम से भी जानते हैं।

⇨ आजकल सामान्य साउंड कार्डों की जगह थ्री-डी साउंड कार्ड का इस्तेमाल होता है। यह हमें बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली डिजिटल आवाज सुनाने की क्षमता रखते हैं।

⇨ वैसे आज की तारीख के प्रत्येक मदरबोर्ड में एक सम्पूर्ण साउंड सिस्टम होता है। और कम्प्यूटर की बैक साइड में साउंड से सम्बन्धित सभी पोर्ट होती हैं।

⇨ जब आप किसी कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिये साउंड प्रोसेस करना चाहते हैं तो आपको एक ज्यादा बेहतर साउंड कार्ड की जरूरत होगी। यदि आप कम्प्यूटर में लगे साउंड कार्ड में अपग्रेड होने की क्षमता है तो आप उसमें एक अतिरिक्त कार्ड लगाकर उसे अपग्रेड भी कर सकते हैं। निम्न चित्र में एक ऐसे ही कार्ड को अपग्रेड किया हुआ दर्शाया गया है

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