कपडे की उल्टी सीधी पहचान कैसे करे
कपडे की उल्टी सीधी पहचान कैसे करेकपडे की उल्टी सीधी पहचान कैसे करे कपड़ों की सिलाई के प्राचीनतम साक्ष्य कितने वर्ष पहले के हैं कढ़ाई के टांके कितने प्रकार के होते हैं कटाई-सिलाई थ्योरी (ड्राफ्टिंग) सम्पूर्ण सिलाई कटाई कोर्स सिलाई कला क्या है सिलाई के प्रकार सिलाई परीक्षा प्रश्न सिलाई करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
कपड़े को सीधा पहचानने के लिए उसका प्रिंट, प्रिंट का उभार, प्रिंट का रंग देखते हैं और कई बार तो कपड़े पर बने प्रिंट से भी उसे सीधा उल्टा देखने में आसानी रहती है। जब प्रिंट से उल्टा सीधे को न पहचान सकें तो किनारा यानि selvedge से उल्टे सीधे की पहचान की जा सकती है। किनारे की फिनिशिंग वाली साइड सीधी तथा कम फिनिश की उल्टी होती है। फर वाले कपड़े फर के उठाव से सीधे पहचाने जाते हैं। साटिन वीव व सेटीन में हाथ फिरा कर चिकनी साइड ही सीधी पता लग जाती है। इन सब बातों के अतिरिक्त वस्त्र में एक खराबी का और भी आना होता है, वह है “धागों की क्षति” अर्थात yam distortion अर्थात धागों की खराबी। कई बार सारा कपड़ा तो ठीक होता है किन्तु किसी-किसी स्थान पर खराब-खराब से पैच बने होते हैं। उसका मतलब यह होता है कि बुनाई के समय खराब धागों का प्रयोग कर लेना। या तो इस स्थान पर धागे सरक जाते हैं या धागे कमजोर होते हैं। इसके अतिरिक्त बुनाई का भी दोष हो सकता है। अथवा कभी-कभी वस्त्र की सजावट करने के समय गड़बड़ी हो जाती है। यह खराबी मांड से, रोल से या वार्प बीम से धागों के अधिक खिसकने से हो जाती है। इसी दोष को ही धागों का मसकना भी कहा जाता है। अतः उपलिखित किसी भी कारण से वस्त्र में खराबी आ सकती है। इन सब विशेषताओं की जानकारी प्रत्येक उपभोक्ता को होनी ज़रूरी है ताकि वस्त्र को खरीदते समय अच्छी प्रकार देखभाल कर ही खरीदा जाए।