बूटिंग और रिकवरी डिस्क का निर्माण कैसे किया जाता है
बूटिंग और रिकवरी डिस्क का निर्माण कैसे किया जाता है बूटिंग क्या है Ms Windows की बूटिंग प्रक्रिया की व्याख्या करें स्टेप भी लिखें बूटिंग प्रक्रिया क्या है समझाइए हार्ड डिस्क क्या है इसकी क्या आवश्यकता है हार्ड डिस्क का आविष्कार किसने किया हार्ड डिस्क में डाटा कैसे संग्रहित होता है समझाइए बूटिंग कितने प्रकार की होती है हार्ड डिस्क का वर्णन कीजिए हार्ड डिस्क कितने प्रकार के होते हैं
ब्रांडेड कम्प्यूटर के साथ ऑपरेटिंग हार्ड डिस्क में इनबिल्ट आता है। इससे आप रिकवरी और बूटिंग डीवीडी या सीडी का निर्माण कर सकते हैं। इससे जब भी सिस्टम में बूटिंग सम्बन्धित खराबी आयेगी तो यह डिस्क आपके काम आयेगी। आइये सीखे कि यह कार्य कैसे किया जाता है
⇨ वर्तमान समय में कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनियां इसकी रिकवरी डिस्क भी साथ में नहीं देती हैं। रिकवरी डिस्क के स्थान पर कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क में ही एक रिकवरी पार्टीशन होता है। ⇨ जब आप पहली बार कम्प्यूटर को ऑन करते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम के इंस्टॉल होने की प्रक्रिया के समय यह आपसे रिकवरी डिस्क को बनाने के लिये कहेगा।
⇨ वर्तमान समय में कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनियां इसकी रिकवरी डिस्क भी साथ में नहीं देती हैं। रिकवरी डिस्क के स्थान पर कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क में ही एक रिकवरी पार्टीशन होता है। ⇨ जब आप पहली बार कम्प्यूटर को ऑन करते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम के इंस्टॉल होने की प्रक्रिया के समय यह आपसे रिकवरी डिस्क को बनाने के लिये कहेगा।
⇨ यहां पर आप रिकवरी डिस्क के निर्माण के लिये डीवीडी ड्राइव में एक खाली डीवीडी को लगाकर रिकवरी डिस्क का निर्माण कर लें। बाद में यदि कम्प्यूटर में किसी तरह की खराबी आती है तो यह रिकवरी डिस्क ही आपके काम आयेगी।
यदि कम्प्यूटर में विंडोज़ या कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम स्टोर या इंस्टॉल नहीं है तो आपको इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम खुद ही इंस्टॉल करना होगा। डीवीडी से ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल करने के लिये कम्प्यूटर को बूटेबल डीवीडी से बूट करना होगा। इसके लिये बॉयोस में जाकर बूंटिंग क्रम बदलना होगा।
⇨ ज्यादातर कम्प्यूटरों में F5 फंक्शन की दबाने से बूटिंग का क्रम स्लेक्ट करने का मीनू सामने आ जाता है, इस मीनू से आप बूंटिंग के लिये डीवीडी ड्राइव को स्लेक्ट करें।
⇨ जब कम्प्यूटर डीवीडी से बूट हो जाये तो डीवीडी में स्टोर SETUPEXE फाइल को क्रियान्वित करके ऑपरेटिंग सिस्टम को इंस्टॉल करने का कार्य शुरू करें।