माइक्रोमीटर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है
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माइक्रोमीटर-नट बोल्ट के सिद्धान्त पर कार्य करने वाला एक सूक्ष्ममापी यन्त्र हैं। माइक्रोमीटर में लगे नट को यदि स्थिर रखा जाए तथा बोल्ट को एक चक्र आगे की ओर घुमाया जाए, तो वह अपनी पिच के बराबर आगे बढ़ता है। इसका मुख्य कारण है- सिंगल स्टार्ट ग्रेड में लीड और पिच का बराबर होना। एक घूर्णन के दौरान स्पिण्डल की अनुदैर्घ्य गति (Longitudinal Movement) स्क्रू के पिच के बराबर होती हैं। पिच अथवा इसके अंशों की दूरी को स्पिण्डल की गति द्वारा बैरल तथा थिम्बल पर शुद्धता के साथ मापा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप मीट्रिक माइक्रोमीटर के स्पिण्डल के बाहर तथा स्लीव के अन्दर की ओर 25 मिमी में 0.5 मिमी पिच के अनुसार चूड़ी (Threads) काटी जाती है। जब इसका स्पिण्डल एक चक्र आगे की ओर घुमाया जाता है, तो वह अपनी पिच के बराबर अर्थात् 0.5 मिमी आगे बढ़ता है। स्पिण्डल के आगे घूमने के लिए आवश्यक है कि उसके पूरे चक्र का कम-से-कम 50वाँ भाग अर्थात् 1/50 भाग घुमाया जाए। यही माइक्रोमीटर का सिद्धान्त है, जिसे नीचे दिए गए चित्र की सहायता से समझा जा सकता है।