मॉडेम किसे कहते है

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itipapers Staff asked 2 years ago

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itipapers Staff answered 1 year ago

संचार या कम्युनीकेशन के लिये आज कम्प्यूटर का प्रयोग जमकर किया जा रहा है। इसके द्वारा आप नेटवर्क बनाकर दुनिया के किसी भी कोने में रखे दूसरे कम्प्यूटर से सम्पर्क बना सकते हैं। कम्प्यूटर से संचार स्थापित करने में नेटवर्क सबसे अहम भूमिका निभाता है। यहां पर प्रयोग किया गया शब्द नेटवर्क वास्तव में कम्प्यूटर नेटवर्क ही है। कम्प्यूटरों का नेटवर्क संचार स्थापित करने के लिये ही बनाया जाता है। इसका उद्देश्य तेज गति से डेटा का आवागमन करने के साथ ऑडियो और वीडियो तकनीक को इस्तेमाल करते हुए लोगो के बीच आपसी सम्पर्क स्थापित करना होता है। इस संचार के लिये दो उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। इनमें एक का नाम मॉडेम है और दूसरे का नाम लैन कार्ड। इंटरनेट की पूरी कार्य प्रणाली मॉडेम पर ही आधारित होती है और इसी की वजह से संचालित होती है। इस अध्याय में हम मॉडेम के बारे में तकनीकी जानकारी प्राप्त करेंगे।

हमारे देश में मॉडेम का प्रयोग इंटरनेट कनेक्शन के लिये किया जाता है। इसके द्वारा सबसे ज्यादा डॉयल – अप नेटवर्किग होती है। मॉडेम शब्द मॉड्यूलेट और डिमॉड्यूलेट नामक शब्दों से चलन में आया है। यह उपकरण एनालॉग कैरियर सिगनल को इनकोड करके डिजिटल सूचनाओं में बदल देता है और इसके बाद इसे ट्रांसमिट कर देता है। जब इसे सूचनायें प्राप्त होती है तो यह उन्हें फिर से डिकोड करके वास्तविक डेटा में डिस्प्ले करता है। मॉड्यूलेशन की कई विधियां हैं जो इस प्रकार हैं

यह एक हार्डवेयर उपकरण होता है। जिसे दो रूपों में प्रयोग किया जाता है। इसके यह दो रूप हैं- इंटर्नल मॉडेम: इंटर्नल मॉडेम कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में लगाया जाता है। इसे पर्सनल कम्प्यूटर और मेमोरी कार्ड इंटरनेशनल एसोसिएशन (PCMCIA) के नाम से भी जाना जाता है। यह कार्ड ही एक तरह का इंटर्नल मोडेम है जो एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड के जैसा नजर आता है। जरूरी बात ये हैं कि ये आपकी जगह भी नहीं घेरता। इसे कम्प्यूटर के मदरबोर्ड की ISA और FCI स्लॉट में लगाया जा सकता है।

⇨ एक्सटर्नल मोडेम: एक्सटर्नल मोडेम छोटे डिब्बे की तरह नजर आते हैं जिन्हें टेबल पर कम्प्यूटर के साथ रखा जा सकता है। एक्सटर्नल मोडेम में सामने के पैनल में बहुत से Led इंडीकेटर्स होते हैं जो आपको मोडेम के ऑन होने और कार्यवाही के बारे में संकेत देते हैं। मोडेम में छोटे स्पीकर भी लगे होते हैं। इन्हें आसानी से एक कम्प्यूटर से हटाकर दूसरे पर लगाया जा सकता है। वर्तमान समय में इन मॉडेम में वाइ – फाइ तकनीक को जोड़ दिया गया है –

⇨ एक्सटर्नल मॉडेम के रूप में इस समय ADSL तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। क्योंकि यह ब्रॉड बैंड का जमाना है और लोग तीव्र गति से इंटरनेट को प्रयोग करना चाहते हैं। इसके साथ ही इसमें वाई-फाई तकनीक को जोड़ दिया गया है। यह तकनीक इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों तरह के मॉडेम के लिये होती है। दिये चित्र में आप इन दोनों को देख सकते हैं।

⇨ एक्सटर्नल मॉडेम और राउटर दोनो अलग-अलग उपकरणों के रूप में भी हो सकते हैं और एक उपकरण के रूप में। यदि आप एक्सटर्नल मॉडेम को कम्प्यूटर के साथ प्रयोग करना चाहते हैं तो उसे निम्न चित्र के अनुसार प्रयोग कर सकते हैं

1. ऊपर दिये चित्र में आप देख सकते हैं कि सबसे पहले मॉडेम को टेलीफोन की लाइन से जोड़ा गया है और इसके साथ ही उसमें विद्युत आपूर्ति करने के लिये उसका प्लग बिजली के सॉकेट से जोड़ा गया है।

2. इसके साथ ही उसे राउटर से भी जोड़ा गया है और राउटर में बिजली आपूर्ति के लिये उसका प्लग बिजली के सॉकेट से जोड़ा गया है।

3. तीसरे चरण में कम्प्यूटर या लैपटॉप में मॉडेम का ड्राइवर इंस्टॉल किया जा रहा है जिससे कि आपका सिस्टम उससे जुड़ सके और इंटरनेट को प्रयोग कर सके

⇨ जब आप एक सामान्य राउटर की बैक साइड पर ध्यान देंगे तो आपको इसमें निम्न कनेक्टर और पोर्ट मिलेंगे जिनसे कम्प्यूटर, मॉडेम इत्यादि को जोड़ा जा सकता है

⇨ यदि आप किसी ऐसे मॉडेम को प्रयोग कर रहे हैं जिसमें राउटर भी है तो उसका कनेक्शन निम्न प्रकार से किया जाता है

⇨ इसमें फोन लाइन के पास एक डिब्बी लगाते हैं जो डेटा और फोन लाइन को अलग-अलग कर देती है। फिर डेटा लाइन को मॉडेम से जोड़ते हैं और फोन लाइन को टेलीफोन उपकरण से। इसके बाद यदि आपके मॉडेम – राउटर को कम्प्यूटर सिस्टम से जोड़ा जाता है। यदि मॉडेम-राउटर में वाइ – फाई तकनीक है तो और भी अच्छा है। ऊपर दिये चित्र में वाई – फाई तकनीक वाला मॉडेम – राउटर दर्शाया गया है। यदि वाई-फाई तकनीक वाला मॉडेम नहीं है तो आप केबल के जरिये इसे कम्प्यूटर से जोड़ सकते हैं।

⇨ वर्तमान समय में ऐसे मॉडेम भी आते हैं जिन्हें USB पोर्ट के जरिये कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है। इनमें मॉडेम के साथ-साथ वाई-फाई तकनीक भी इनबिल्ट होती है जिससे किसी भी लैपटॉप या वाइ-फाई तकनीक वाले कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ सकते हैं। यदि आप इस तरह के मॉडेम को प्रयोग कर रहे हैं तो इसके ड्राइवर को अपने सिस्टम में जरूर इंस्टॉल करें, अन्यथा इनका प्रयोग करना मुश्किल हो सकता है।

⇨ जैसाकि आप पढ़ चुके हैं कि इस समय कम्पनियां ऐसे मॉडेम का निर्माण कर रही हैं जिनमे ब्रॉडबैंड राउटर भी इन-बिल्ट होता है। निम्न रेखाचित्र में कम्बाइंड राउटर/मॉडेम और मॉडेम/ राउटर अलग-अलग हो तो किस तरह से कनेक्शन बनेगा या इनका प्रयोग होगा, को दर्शाया गया है

⇨ चूंकि इस समय मॉडेम और राउटर को प्रयोग करके जहां डेटा साझा या शेयर किया जाता है वहीं इसका प्रयोग करके प्रिंटर को भी शेयर कर सकते हैं। इसके लिये कुछ एडवांस राउटर प्रयोग करने होते हैं। ⇨ इनमें एक विशेष पोर्ट होती है जोकि प्रिंटर को सीधे अपने से जोड़कर उसे शेयर करने की सुविधा प्रदान करती है।

⇨ इसके अलावा एक ऐसी पोर्ट भी उपलब्ध होती है जिससे आप किसी भी एक्टर्नल स्टोरेज USB डिवाइस को भी शेयर कर सकते हैं। दिये हुए चित्र में आप एक ऐसे ही एडवांस राउटर को देख सकते हैं।

⇨ इस तरह के राउटर एक साथ दोहरे बैंड (डुयेल बैंड) को प्रयोग कर सकते हैं। इनमें वाई-फाई सुविधा को ऑन या ऑफ करने की विशेष सुविधा भी होती है।

⇨ आज कम्प्यूटर ही नहीं बल्कि मोबाइल फोन्स, टेबलेट्स और स्मार्ट टेलीविजन तक में इंटरनेट का प्रयोग होने लगा है।

⇨ इस सीरीज़ का सबसे लेटेस्ट उपकरण है गूगल ग्लास अर्थात ऐसा चश्मा जिसे पहनकर आप इंटरनेट से जुड़ सकते हैं और जो आप देख रहे हैं उसे दुनिया को दिखा सकते हैं। यह सब कुछ उसमें लगे मॉडेम के द्वारा ही सम्पन्न होता है। वर्तमान समय के लेटेस्ट राउटर और मॉडेम के द्वारा आप निम्न उपकरणों को इंटरनेट से जोड़कर प्रयोग कर सकते हैं

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