वर्चिअल लैन (Virtual LAN) किसे कहते है
वर्चिअल लैन (Virtual LAN) किसे कहते है Virtual memory Virtual Memory in Hindi Virtual memory in OS वर्चुअल रियलिटी से आप क्या समझते हैं वर्तमान में इसके प्रयोग समझाइए वर्चुअल मेमोरी के लाभ Virtual memory example वर्चुअल मेमोरी से लैस सिस्टम के संचालन की भी व्याख्या कीजिए। Virtual memory is MCQ
इस संक्षेप में VLAN के नाम से जाना जाता है। यह कम्प्यूटर नेटवर्क की डेटालिंक लेयर में किसी भी ब्राडकास्ट डोमेन का पार्टीशन कर सकता है और उसे आइसोलेट या अलग-थलग भी कर सकता है।
– इसमें एक फिजिकल लैन की तरह से ही गुण होते हैं। यहअंतिम स्टेशनों को उस समय भी समूह बनाने की अनुमति प्रदान करता है भले ही वे एक नेटवर्क स्विच पर न हों। इसमें नेटवर्क में बदलाव फिजिकल रूप से उपकरणों को स्थान्तरित करने के बजाय साफ्टवेयर के द्वारा किया जाता है।
– वर्चुअल लैन को सामान्य रूटर्स के द्वारा प्रदान की जा रही सेवायों को उपलब्ध कराने के लिये इंस्टॉल किया जाता है। इसकी कार्य क्षमता सिक्योरिटी और नेटवर्क मैनेजमेंट से सम्बन्धित होती है।
वर्चुअल लेन की टोपोलॉजी में रुटर्स, ब्रॉडकास्ट फिल्टरिंग, सिक्योरिटा, संक्षिप्ति एड्रेस और ट्रैफिक के फ्लो या प्रवाह को मैनेज करते हैं। इसमें स्विचों का प्रयोग आईपी ट्रेफिक और वर्चुअल लैन के मध्य ब्रिज नहीं बनाते हैं क्योंकि इससे वर्चुअल लैन डोमेन प्रसारण की अखंडता का उल्लंघन होता है।
– यह इसलिये भी उपयोगी होता है कि यदि एक DHCP सर्वर एक स्विच से जुड़ा है यह उस स्विच पर किसी भी होस्ट के लिये काम करता है जो सर्वर को इस्तेमाल करने के लिये बना होता है।
वर्चुअल लैन का प्रयोग करके आप नेटवर्क को आसानी से विभाजित कर सकते हैं इससे कुछ होस्ट सर्वर का प्रयोग करने के बजाय लोकल लिंक का एड्रेस प्रयोग करने लगते हैं।
– वर्चुअल लैन का निर्माण लेयर 2 के रूप में होता है जब आईपी सबनेट लेयर 3 के रूप में होते हैं। एक ऐसा नेटवर्क इंवायन्मेंट जिसमें वर्चुअल लैन प्रयोग में लाया जा रहा हो वहां पर VLAN और IP सबनेट के बीच वन-टु-वन सम्बन्ध कायम रहता है। यहां यह भी सम्भव होता है कि एक वर्चुअल लैन पर एक से ज्यादा सबनेट हों या फिर एक सबनेट पर एक से ज्यादा वर्चुअल लैन हों।
वर्चुअल लैन और आईपी सबनेट स्वतंत्र लेयर और स्वतंत्र लेयर तीन को को प्रदान करते हैं जो एक दूसरे को मैप करते हैं। यह नेटवर्क कम्यूनीकेशन की डिजाइनिंग प्रक्रिया के दौरान उपयोगी होते हैं।
वर्चुअल लैन का प्रयोग करके ट्रैफिक पैटर्न पर कंट्रोल किया जा सकता है और स्थान परिवर्तन के प्रति जल्दी रियेक्ट किया जा सकता है। यह नेटवर्क की जरूरतों में परिवर्तन के लिये लचीलापन प्रदान करता है और सरल एडमिनिस्ट्रेशन के लिये अनुमति भी प्रदान करता है।
– वर्तमान समय में वर्चुअल लैन का प्रयोग लोकल नेटवर्कों को विभाजित करने के लिये निम्न सेगमेंट में किया जाता है
– प्रोडक्शन
– वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल
– नेटवर्क मैनेजमेंट
– स्टोरेज एरिया नेटवर्क
– गेस्ट नेटवर्क
– डिमिलिटराइज्ड जोन
– क्लाइंट सेप्रेशन
एक प्रोटोकॉल में आधारित वर्चुअल लैन स्विच सक्षम, यातायात के प्रोटोकॉल पर आधारित पोर्ट के माध्यम से भेजा जाता है। सामान्य यूजर विशेष प्रोटोकॉल ट्रैफिक को सेप्रेट करने की कोशिश करता है या एक पोर्ट से आगे भेजने के लिये प्रोटोकॉल पर आधारित वर्चुअल लैन का प्रयोग करता है। किसी अन्य प्रोटोकॉल से ट्रैफिक को पोर्ट पर आगे नहीं भेजा जा सकता है।