वसा या चिकनाई से हमे क्या फायदे मिलते है
वसा या चिकनाई से हमे क्या फायदे मिलते है वसा का मुख्य कार्य क्या है वसा की कमी से होने वाले रोग वसा की अधिकता से होने वाले रोग सबसे ज्यादा वसा किसमें पाया जाता है वसायुक्त भोजन क्या है वसा के स्रोत एवं वसा के कार्य लिखिए क्या किसी खाद्य वस्तु में वसा का परीक्षण किया जा सकता है, यदि हां तो कैसे वसा के पादप स्रोत कौन से हैं
वसा या चिकनाई से हमे क्या फायदे मिलते है
चिकनाई हमारे शरीर में शक्ति पैदा करती है। यह हमारे शरीर के बाहर वाले अंगों को चोटों आदि से बचाती है। यह हमारे शरीर की ज़रूरत के लिए विटामिन ए, डी और के को संभालती है। चिकनाई द्वारा ही तेज़ाब की प्राप्ति होती है। इसकी आवश्यकता हमारे शरीर को पड़ती है। सर्दियों में हमें चिकनाई का अधिक प्रयोग करना चाहिए। चिकनाई हमारे शरीर के तापमान को भी स्थिर रखने का काम करती है।
वसा या चिकनाई की कमी के कारण कोने वाली हानिया
काफी समय के बाद इसकी कमी का पता लगता है। इसके अभाव से हमारी चमड़ी खुश्क हो जाती है। विटामिन ए, डी, सी और के की कमी हो जाती है। चिकनाई तेज़ाबों की कमी के कारण ही हमारी चमड़ी खुश्क होती है।
वसा या चिकनाई की अधिकता के कारण होने वाली हानियां
हमारा शरीर मोटापे में बदल जाता है जो कि बुरा लगने लग जाता है। हमारे शरीर में जिस समय पशु चर्बी में वृद्धि हो जाती है उस समय हमारे खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा इकट्ठी हो जाती है। जिस समय यह रक्त हमारी इन्द्रियों में इकट्ठा होने लग पड़ता है उस समय हमारी धमनियां भी बन्द हो जाती हैं। ये धमनियां बन्द होने से हमारे दिल को कई प्रकार की बीमारियां लग जाती हैं। गाल ब्लैडर (पित्ते) में जिस वक्त कोलेस्ट्रोल काफी मात्रा में इकट्ठा हो जाता है, उस वक्त पित्ते की पथरी बन जाती है। हमारे हाज़मे में खराबी पड़ जाती है। शक्कर की बीमारी भी वसा के अधिक प्रयोग से लग जाती है। एक साधारण व्यक्ति की खुराक में वसा की मात्रा 50 से 75 ग्राम काफी है।