वस्त्रों की रचना तथा धागों का संतुलन कैसे करे
वस्त्रों की रचना तथा धागों का संतुलन कैसे करे त्रितिक या सिलाई तंतु कितने प्रकार के होते हैं रुई व जूट तंतु को आप कैसे पहचानेंगे तंतु से धागा निर्मित करने की प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए सूत कितने प्रकार के होते हैं मानव निर्मित तंतु कितने प्रकार के होते हैं ऊन और सूती के धागे में अंतर कैसे करेंगे वस्त्र निर्माण के सामान्य सिद्धांतों
वस्त्र की बुनाई को परखने के लिए एक वर्ग इंच में ताने व बाने के धागों की गणना की जाती है। ताना वाना दोनों बराबर होते हैं तो गणनांक 100/100 कहलाता है। यदि ताना में 90 तथा बाना में 40 धागे हों तो वह 90/40 कहलाता है। हमेशा 100/100 गणना वाला वस्त्र ही अच्छा माना जाता है। यदि दोनों में अर्थात ताने व वाने में गणना आस-पास हो जैसे 64/60, तो भी यह रचना संतुलित कहलाती है और यदि किसी वस्त्र में यह संख्या 100/45 होती है तो वह वस्त्र संतुलन रहित कहलाता है, क्योंकि जिस ओर के वस्त्रों में धागों की संख्या कम होती है, वह वस्त्र वहां पर हल्का होता है और शीघ्र ही फट जाता है। अच्छे संतुलन वाले वस्त्र में 100/ 100 या 60/56, 28/24 जैसे संतुलन से वस्त्र की सुन्दरता, मज़बूती बहुत अच्छी रहती है जबकि 100/45, 100/60 का संतुलन वस्त्र के लिए अच्छा नहीं रहता है। वह खराब कपड़ों में माना जाता है।