वेल्डिंग फ्लक्स क्या है
वेल्डिंग फ्लक्स क्या है welding flux in hindi welding flux powder function of flux in welding process function of flux in welding electrode function of slag in welding advantages of slag in welding what is flux submerged arc welding
जोड़ने वाली धातुओं के आधार पर वैल्डिंग के प्रकार
1.ऑटोजिनियस वैल्डिंग : इसमें समान धातुओं को उसी धातु की फिलर रॉड से जोड़ा जाता है.
2.हेट्रोजिनियस वैल्डिंग : इसमें अलग-अलग प्रकार की धातुओं को जोड़ा जाता है, जैसे-पीतल तथा ताँबा, माइल्ड स्टील तथा कास्ट आयरन आदि.
दबाव के आधार पर वैल्डिंग के प्रकार
(A) फ्यूजन या नॉन प्रैशर वैल्डिंग- इस विधि में जोड़े जाने वाले पार्टी के किनारों को गर्म करके गलनांक तक पहुँचाया जाता है. जब किनारे पिघलना शुरू कर देते हैं, तो जोड़ की खाली जगह में फिलर मैटल भरा जाता है जो वैल्डिंग रॉड से प्राप्त होता है. इस वैल्डिंग में निम्नलिखित विधियों से वैल्डिंग की जाती है-
1. गैस वैल्डिंग
2.आर्क वैल्डिंग
3.थर्मिट वैल्डिंग
4.इलेक्ट्रिक आर्क वैल्डिंग
(B) प्लास्टिक या प्रैशर वैल्डिंग- इस विधि में जोड़े जाने वाले पार्टी के सिरों को पिघलाने की अवस्था तक लाया जाता है इसके बाद उन्हें दबाव देकर जोड़ दिया जाता है. इस विधि में फिलर मैटल की आवश्यकता नहीं होती है. प्रैशर वैल्डिंग निम्नलिखित विधियों से की जाती है
1.फोर्ज वैल्डिंग (Forge Welding)
2.रेजिस्टैंस वैल्डिंग (Resistance Welding)
तापमान बढ़ने पर जब पार्ट या धातु पर पपड़ी जम जाती है, जिससे Parts को जोड़ने अर्थात् वैल्ड करने में असुविधा होती है. इसलिए इस दोष को दूर करने के लिए फ्लक्स का प्रयोग किया जाता है. फ्लक्स के द्वारा जोड़ वाली सतहों को साफ किया जाता है तथा ऑक्सीकरण को रोका जाता है. फ्लक्स निम्नलिखित प्रकार के होते हैं
1. रेत (Silicon Clean Sand)
2. नमक (Sodium Chloride)
3.सुहागा (Borax)
4.रेत सुहागा तथा लौह चूर्ण का मिश्रण
5.चार भाग सुहागा और एक भाग नौशादर