Asynchronous Communication क्या होता है
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इस तरह के कम्युनीकेशन में डेटा को ट्रांसमिट करने के लिये और रिसीव के लिये कॉमन क्लॉक का प्रयोग नहीं होता है। इसकी वजह से डेटा मे निरन्तरता और एक जैसी गति का अभाव होता है। इसमें स्टार्ट और स्टॉप बिट का प्रयोग किया जाता है। इसीलिये इसके स्टार्टस्टॉप ट्रांसमिशन के नाम से भी जाना जाता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है ASCII का RS-232 पर ट्रांसमिशन इस तकनीक का प्रयोग टेली टाइपराइटर में सबसे ज्यादा किया जाता रहा है। इससे फुल और हॉफ डुपलेक्स ऑपरेशनों को सम्पन्न किया जा सकता है। इसमें स्टार्ट और स्टॉप एक फिजिकल लेयर होती है जो कम्प्यूटरों को कनेक्ट करने के लिये मॉडेम और अन्य प्रकार के डॉयलअप इंटरनेट एक्सेस एप्लीकेशनों को प्रयोग करती है। इसमें PPP जैसे डेटा लिंक फ्रेमिंग प्रोटोकॉल का प्रयोग डेटा पैकेट को क्रियेट करने के लिये होता है।
IRQ: कम्प्यूटिंग या पीसी आर्कीटेक्चर में IRQ का अर्थ होता है इंटरप्ट रिक्वेस्ट। यह वास्तव में एक हार्डवेयर सिगनल होता है जिसे प्रोसेसर को किसी प्रोग्राम को अस्थायी रूप से रोकने के लिये भेजा जाता है। इस सिगनल से रन हो रहा प्रोग्राम रूक जाता है और स्पेशल प्रोग्राम रन होने लगता है।
ऐसे हार्डवेयर इंटरप्ट मॉडेम या नेटवर्क कार्ड के द्वारा डेटा रिसीव करते समय या भेजते समय किसी इंवेट को हैंडिल करने के लिये प्रयोग किये जाते हैं। इनका प्रयोग की-बोर्ड की किसी की को दबाकर या माउस को हिलाकर किया जाता है। इनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिये इनके साथ एक संख्या का प्रयोग किया जाता है।
DMA: इसका पूरा नाम होता है- डायरेक्ट मेमोरी एक्सेस यह कम्प्यूटिंग में प्रयोग होने वाली एक विशेष सविधा होती है जिसकी वजह से कम्प्यूटर का हार्डवेयर या सब सिस्टम सीपीयू की रैम से मेमोरी को इंडिपेन्डेंट रूप से प्रयोग कर सकता है।
इसका प्रयोग Burst मोड, Cycle stealing मोड और Transport मोड में होता है। मदरबोर्ड में बने हुए यह चैनल इनपुट/आउटपुट डिवाइस तथा मेमोरी के बीच डेटा स्थानांतरण का कार्य करते हैं। जब यह अपना कार्य करते हैं तो प्रोसेसर की इसमें कोई सीधी भूमिका नहीं होती है, जिसकी वजह से कम्प्यूटर की क्षमता में वृद्धि हो जाती है। प्रत्येक मदरबोर्ड में अनेक DMA चैनल होते हैं। इन्हें आपस में बांटकर भी प्रयोग किया जाता है। I/O पोर्ट एड्रेस: हम कम्प्यूटर में जब सूचनाओं को इनपुट करते हैं या जब आउटपुट के रूप में सूचनाओं को प्राप्त करते हैं तब यह पोर्ट एड्रेस मुख्य भूमिका निभाते हैं। अपने से जुड़ी डिवाइसों को यह नियंत्रित करके परिणाम प्रदान करते हैं। जब इनका प्रयोग किया जाता है तो यह एक विशेष नंबर को इस्तेमाल करते हैं जिसे पोर्ट एड्रेस कहा जाता है। मदरबोर्ड में प्रत्येक इनपुट/आउटपुट डिवाइस के लिए एक पोर्ट नंबर होता है।